चैत्र नवरात्रि: इस तरह करें भगवती दुर्गा को प्रसन्न

लखनऊ: चैत्र नवरात्र के दौरान मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वासंती नवरात्र भी कहा जाता है। नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है।
इस बार 25 मार्च को गुड़ी पड़वा भी पड़ने से चैत्र मास के नवरात्र की एकसाथ शुरुआत हो रही है। नवरात्र की शुरुआत में सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। साथ ही, इस बार रविवार से नवरात्र शुरू होने से भी शुभ योग बन रहा है। र
नवरात्र में करें पाठ
नवरात्र में विशेष रूप से देवी मां के मंत्रों का जाप करना चाहिए। यदि आप चाहें तो दुर्गा शप्तसती का पाठ भी कर सकते हैं
मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है।
 

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