चुनाव से ऐन पहले हटाए गए मिजोरम के चीफ इलेक्शन अफसर

राज्य में लंबे समय से एसबी शशांक को हटाने की मांग चल रही थी. 40 सीटों वाली मिजोरम विधानसभा के लिए इसी महीने की 28 तारीख को वोटिंग होनी है

चुनाव आयोग ने मिजोरम के मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी शशांक को हटाने का फैसला किया है. मिजोरम में लंबे समय से शशांक को हटाने की मांग चल रही थी. राजधानी आइजवाल समेत कई शहरों में राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था.
निर्वाचन अधिकारी को हटाने की मांग के बीच चुनाव उपायुक्त की टीम जांच के लिए मिजोरम पहुंची थी. उनकी रिपोर्ट के बाद आयोग ने निर्वाचन अधिकारी को बदलने का फैसला किया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने नए मुख्य चुनाव अधिकारी के लिए मिजोरम के मुख्य सचिव से नया पैनल मांगा है.

In the EC meeting held today, the Commission has only decided to call for a panel of names for the post of State Chief Electoral Officer, from Chief Secy of Mizoram. Further steps to only be taken after receiving report of the visit by Dy Election Commissioner’s team to the state pic.twitter.com/PORnZDgKq1
— ANI (@ANI) November 10, 2018

मिजोरम की सिविल सोसायटी के लोगों ने चुनाव आयोग से एसबी शशांक को हटाने और त्रिपुरा में शरणार्थी ब्रू समुदाय के लोगों को मिजोरम की सीमा में मतदान करने देने की मांग की थी. चुनाव आयोग ने दोनों मांगें स्वीकार कर ली है.
चीफ इलेक्शन अफसर को हटाने की क्यों उठी मांग?
निर्वाचन आयोग ने राज्य के प्रधान सचिव (गृह) ललनुनमाविया चुआउंगो को हटा दिया जिसके बाद एनजीओ कोर्डिनेशन कमिटी ने शशांक को हटाने की मांग की. मीडिया के एक वर्ग का कहना है कि शशांक ने निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी कि चुआउंगो चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ललथनहवला ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था, ‘चूंकि लोगों का मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस बी शशांक पर से भरोसा उठ गया है तो 2018 विधानसभा चुनाव के सुचारू संचालन के लिए एकमात्र समाधान, सीईओ एस बी शशांक को फौरन पद से हटाना होगा.’
40 सीटों वाली मिजोरम विधानसभा के लिए इसी महीने की 28 तारीख को वोटिंग होनी है. 28 नवंबर को ही मध्य प्रदेश में भी वोट डाले जाएंगे.

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