गुजरात चुनाव से ठीक पहले RSS संघ को आई राम की याद
अयोध्या के विवादित बाबरी ढ़ांचे को ढहाने की घटना का जिक्र करते हुए संघ के सरकार्यवाह ने देश के मुस्लमानों के नाम संदेश देते हुए कहा कि राम ही देश के प्रतिक हैं। भैय्या जोशी ने कहा कि बाबरी ढांचे को ढहाने के लिए जब हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे, तो रास्ते में उन्होंने किसी भी धर्म स्थल पर पत्थर नहीं फेंका और न किसी को नुकसान पहुंचाया था। उनका उद्देश्य एक बाहरी आक्रमणकारी द्वारा स्थापित एक मस्जिद जो की मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी उसको हटाना था। इसमें किसी भी प्रकार से इस्लाम का विरोध नहीं था।
संघ सरकार्यवाह ने कहा कि देश में निवास करने वाले मुस्लिम धर्म वालों को भी यह समझना होगा कि भगवान राम ही राष्ट्रीयता का प्रतिक हैं और रहेंगे। जोशी ने यह भी कहा कि राष्ट्रवाद को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की संकल्पना में बांट दिया गया है। यह कट्टरता की भावना पैदा करता है जबकि वसुदेव कुटुंबकम को मानने वाला यह देश पूरे विश्व की कल्याण की बात करता है। विश्व एक है की संकल्पना पूरे विश्व में केवल भारतीय ही करते हैं और करते रहेंगे।
पटेल आंदोलन और जीएसटी के वजह से भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए भगवा परिवार इस कवायद में है कि चुनाव जाति या विकास के मुद्दे से हटकर धर्म के मुद्दे पर चला जाए। ताकि ध्रुविकरण के बदौलत भाजपा की चुनावी नैय्या पार हो सके।
अचानक राम के नाम को संघ परिवार की ओर से बार-बार उठाए जाने को गुजरात के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। चंद दिनों पहले ही श्रीश्री रविशंकर मामले में अयोध्या से लौटे हैं। लेकिन बातचीत के जरिए मसले के समाधान की उनकी मुहिम को ताकत नहीं मिली। उनके प्रयास को भी परदे के पीछे से सरकार की कवायद मानी जा रही है। वर्ना मामले को जल्दी निपटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में 5 दिसंबर से मामले की रोजाना सुनवाई होनी है। ऐसे में श्रीश्री का मामले में पड़ना सीधे-सीधे चुनाव से जोड़कर देखा गया। अब संघ ने भी मुद्दे को दोबारा से हवा दे दी है।