चीनी सैनिकों द्वारा अरुणाचल से अगवा किए पांच युवकों पर बढ़ा विवाद

जुबिली न्यूज डेस्क
शनिवार को कांग्रेस के एक विधायक निनांग ईरिंग ने दावा किया था कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले के सीमावर्ती गांव से शुक्रवार को पांच युवकों को अगवा कर लिया है। इस घटना को हुए पांच दिन होने को हैं पर अब तक इन युवकों को कोई सुराग नहीं मिल पाया है। फिलहाल कथित अपहरण की इस घटना का विरोध तेज हो गया है। राज्य में अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ (आप्सू) समेत कई संगठन अपहृत युवकों की वापसी के लिए प्रदर्शन कर रहे है।
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अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम सीमावर्ती इलाकों में चीनी सैनिकों के लगातार अतिक्रमण का मुद्दा गंभीर होते देख कर अब भारतीय सेना ने हॉटलाइन पर चीनी सेना के अधिकारियों से बात की है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और अरुणाचल के सांसद किरण रिजिजू ने अपने ट्वीट में इसकी जानकारी दी है। बावजूद इसके उन युवकों का अपहरण के पांच दिनों बाद भी अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है।
अगवा किए गए युवकों के परिजनों ने यह दावा कर इस मामले की गंभीरता को बढ़ा दिया है कि वह भारतीय सेना के लिए पोर्टर यानी पीठ पर सामान ढोने का काम करते थे। इससे उनके पास सेना की तैनाती समेत कई खुफिया जानकारियां होने का शक है। हालांकि सेना या सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
इससे पहले भी बीते मार्च में एक युवक को चीनी जवानों ने पकड़ लिया था जो दो सप्ताह बाद लौटा था।
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कांग्रेस विधायक निनांग ईरिंग के दावे के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। ये सारे लोग टागिन समुदाय के हैं। उनका दावा था कि लद्दाख और डोकलाम की तरह ही चीन ने अरुणाचल में भी घुसपैठ शुरू कर दी है। वे युवक मछली पकडऩे गए थे और चीनी सेना ने उनको पकड़ लिया।
घटना का हो रहा है विरोध
अपहरण की इस घटना और इन युवकों का अब तक पता नहीं चलने की वजह से राज्य में आप्सू समेत कई संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। यह लोग अपहृतों की शीघ्र रिहाई के साथ ही इस मुद्दे पर चीन को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं।
आप्सू ने तो केंद्र पर सीमावर्ती इलाके में रहने वालों की रक्षा में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया है। वहीं इस मामले में पासीघाट वेस्ट के कांग्रेस विधायक निनांग ईरिंग कहते हैं, “चीन को माकूल जवाब दिया जाना चाहिए। लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन अब इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर सक्रियता बढ़ा रहा है।”
वहीं इस मामले में राज्य सरकार की अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस ने उसे कठघरे में खड़ा कर दिया है। पार्टी ने इटानगर में जारी अपने बयान में कहा है कि चीन की ओर से सीमा के उल्लंघन की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं जो बेहद गंभीर मामला है। केंद्र और राज्य सरकारों को इलाके में जमीनी हकीकत का आकलन कर ठोस कदम उठाना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस ने सवाल किया है कि आखिर उन युवकों को देर रात नियंत्रण रेखा के पास शिकार के लिए जाने की इजाजत कैसे दी गई और सेना ने रास्ते में उनको रोका क्यों नहीं? बयान में यह भी कहा गया है कि अंजाव, अपर सियांग, अपर सुबनसिरी, गिबांग घाटी और तवांग जिलों में चीनी सेना की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से साफ है कि चीनी सेना भारतीय इलाके में घुस आई है।
कांग्रेस ने साल 2017 और 2019 की उन घटनाओं का भी जिक्र किया जब चीनी सेना ने भारतीय इलाके में सड़कों के साथ ही लकड़ी के पुल तक बनाए थे। दूसरी ओर, अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ (आप्सू) ने इलाके में चीनी सेना की ओर से अपहरण की बढ़ती घटनाओं को देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए केंद्र से इस मामले में ठोस कदम उठाने की मांग की है।
आप्सू का कहना है कि आधारभूत ढांचे की कमी की वजह से स्थानीय लोगों के साथ ही नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय जवानों को भी भारी मुश्किलों से जूझना पड़ता है।

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