चारा घोटाले के मामले में लालू यादव की सजा पर गुरुवार को होगी सुनवाई

चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में लालू यादव की सजा पर गुरुवार को सुनवाई होगी. हालांकि बुधवार को सुनवाई में लालू यादव शामिल नहीं हो पाए. लालू यादव की तबीयत खराब है और उन्हें इलाज के लिए एम्स भेजा जा सकता है. रिम्स की एपेक्स मेडिकल बोर्ड ने इसकी अनुशंसा की है. अस्पताल प्रबंधन आज इस मामले में फैसला करेगा.

बता दें कि रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद की हालत खराब है. आरजेडी नेता कई बीमारियों से ग्रसित हैं. डॉ. मृत्युंजय सरावगी ने रिम्स अधीक्षक से उनके बेहतर इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड गठित कर बेहतर जांच की अनुशंसा की है. बोर्ड गठित भी हो गया है.

इधर डॉक्टर उमेश कुमार ने बुधवार को जांच करने के बाद बताया कि लालू को किडनी संबंधित बीमारी भी है. उनका क्रेटेनाईन लेवल काफी बढ़ गया है. लालू फिलहाल कई बीमारियों से जूझ रहे हैं. उनकी जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ भी कर रहे हैं.

चारा घोटाले के चौथे मामले में लालू दोषी, मिश्रा बरी

चारा घोटाले के चौथे मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी करार दिया. इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया.

न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से 3.13 करोड़ रुपये निकालने के मामले में यह फैसला सुनाया. यह फैसला पहले 15 मार्च को सुनाया जाना था, जिसे चार बार पहले भी आगे बढ़ा दिया गया था.

न्यायाधीश ने अपना फैसला वर्णानुक्रम के अनुसार सुनाया, लेकिन लालू यादव फैसला सुनाने के बाद अदालत पहुंचे. मिश्रा हालांकि सजा सुनाने के वक्त अदालत में मौजूद थे.

लालू प्रसाद ने शनिवार को कब्ज होने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें यहां के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में भर्ती कराया गया. सजा सुनाये जाने के समय उनके वकील अदालत में मौजूद थे.

सजा सुनाये जाने के बाद लालू यादव आगे के इलाज के लिए रिम्स वापस लौट गए.

चारा घोटाला का यह दूसरा मामला है जिसमें मिश्रा को बरी किया गया है. लालू प्रसाद और मिश्रा दोनों चारा घोटाला के पांच मामलों का सामना कर रहे हैं.

लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार के अनुसार, “सीबीआई अदालत सजा की घोषणा इस हफ्ते बाद में करेगी.”

चारा घोटाला में पहली बार 1996 में मामला दर्ज किया गया था. उस समय मामले में 49 आरोपी थे. मुकदमे के दौरान 14 की मौत हो गई. अदालत ने सोमवार को 31 आरोपियों में से 19 को दोषी करार दिया और 12 को बरी कर दिया.

मिश्रा के अलावा ध्रुव भगत, आर.के. राणा और जगदीश शर्मा जैसे राजनीतिज्ञों को बरी किया गया.

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, “इस मामले में चार षड्यंत्रकारी थे और मिश्रा समेत तीन को बरी कर दिया गया. यह दिखाता है कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी कुछ खेल खेल रहे हैं. हम फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.”

लालू प्रसाद को वर्ष 2013 में चारा घोटाले के पहले मामले में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी. उन्हें 23 दिसंबर 2017 को इसके दूसरे मामले में दोषी ठहराया गया था और साढ़े तीन वर्ष की सजा सुनाई गई थी.

वहीं चारा घोटाले के तीसरे मामले में उन्हें 24 जनवरी को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी.

वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड के अलग हो जाने के बाद चारा घोटाले से जुड़े सारे मामलों को रांची स्थानांतरित कर दिया गया था.

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