चारधाम यात्रा: ऑल वेदर रोड पर 30 अप्रैल के बाद कटिंग कार्य बंद; बर्फबारी से नुकसान की भरपाई चुनौती

 चारधाम यात्रा से पहले बर्फबारी से हुए नुकसान की भरपाई करना सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है। यात्रा के मद्देनजर ऑल वेदर रोड पर 30 अप्रैल के बाद कटिंग कार्य नहीं होगा। इस दौरान सिर्फ पैच वर्क, पेंटिंग और सुरक्षा के दूसरे कार्य किए जाएंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने निर्माण में जुटी कंपनियों को सर्कुलर जारी कर दिया है। आदेश का उल्लंघन करने वाली कंपनी के खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने भी चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए चारधाम जाने वाले राजमार्ग को 30 अप्रैल से पहले-पहले तैयार करने का दावा किया है। खासकर चारधाम को जोड़ने वाली सड़कों पर ऑल वेदर सड़क निर्माण कार्य से यात्रा पर असर न पड़े, इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

राष्ट्रीय राजमार्ग खंड गढ़वाल क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता आरसी शर्मा ने बताया कि सभी राजमार्ग यात्रा के लिए तैयार कराए जा रहे हैं। ऑल वेदर की सड़कों पर 30 अप्रैल के बाद कटिंग कार्य पूरी तरह से बंद रहेंगे। इस दौरान कटिंग का मलबा डंपयार्ड में ले जाने, सड़क पर गड्ढे भरने, तैयार सड़कों पर पेटिंग का कार्य किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर सड़क कटिंग और सड़क चौड़ीकरण का असर न पड़े, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। निर्माण में जुटी सभी कंपनियों के साथ बैठक कर यात्रा रूट की सड़कों को चौबीसों घंटे आवाजाही के लिए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए।

कंपनियों को दी गई जिम्मेदारी 

ऑल वेदर की सड़कों पर यदि बारिश या सामान्य स्थिति में भूस्खलन होता है तो इसकी जिममेदारी संबंधित कंपनी की होगी। कंपनियों को सड़क पर आने वाले मलबे को हटाने के साथ ही आवाजाही के लिए सुचारु रखना होगा। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। राजमार्ग के अधिशासी अभियंता से लेकर जूनियर इंजीनियर तक इस दौरान अपने-अपने क्षेत्रों की मॉनिटरिंग करेंगे।

बर्फबारी से जीएमवीएन को पौने चार करोड़ का नुकसान

गढ़वाल मंडल विकास निगम को बर्फबारी से करीब पौने चार करोड़ का नुकसान हुआ है। निगम ने अब केदारनाथ में 20 स्थायी हट्स बनाने के लिए बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा है। ताकि बर्फबारी के कारण बार-बार होने वाले नुकसान से निजात मिल सके। 

प्रदेश के चारों धाम में इस बार रिकार्ड बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से गढ़वाल मंडल विकास निगम की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। खासकर आपदा के बाद लिंचौली, जंगलचट्टी, भीमबली, केदारनाथ बेस कैंप, केदारनाथ धाम, हेलीपैड परिसर आदि में बनाई गई अस्थायी और स्थायी हट्स को नुकसान हुआ है। 

कई हट्स की छत तो कुछ के बरामदे ध्वस्त हो गए हैं। इसी तरह गंगोत्री, यमुनोत्री, जोशीमठ, औली, पांडुकेश्वर, बदरीनाथ में भी बंगले, कैंटीन की छतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। निगम ने करीब तीन करोड़ 70 लाख रुपये का आकलन कर शासन को रिपोर्ट भेजी है। 

प्रबंध निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि क्षति की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इस बार अस्थायी हट्स और टेंट कॉलोनी की जगह केदारनाथ में स्थायी टेंट लगाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है। क्षति का मुआवजा मिलने के बाद अगले सीजन के लिए यहां स्थायी हट्स बनाई जाएंगी।  

कहां कितना हुआ नुकसान 

जंगलचट्टी-0.69 लाख

भीमबली-3.48 लाख

लिंचौली प्रीफैब हट्स-49.50 लाख

केदारनाथ बेस कैंप-15.50 लाख

केदारनाथ अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट-29.66 लाख

केदारनाथ स्वर्गारोहिणी कॉटेज-31.15 लाख

केदारडोम कॉटेज-7.20 लाख

हेलीपैड सुमेरू कॉलोनी-7.30 लाख

स्थायी टेंट कॉलोनी के लिए-75.88 लाख 

बदरीनाथ, औली, जोशीमठ-110 लाख रुपये

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम-40 लाख रुपये 

केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ से दो पुल क्षतिग्रस्त

केदारनाथ में भारी बर्फबारी से हुए नुकसान के बाद यात्रा पूर्व तैयारियों को दुरुस्त करना प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती हो गया है। डीएम केदारनाथ पैदल मार्ग और धाम में यात्रा तैयारियों को लेकर निरीक्षण कर लौट आए हैं। धाम में बर्फबारी से हुए नुकसान को भारी क्षति बताते हुए उन्होंने कहा कि समय से तैयारियां पूरी हो इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। 

आगामी छह मई तक केदारनाथ में सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। तैयारियां समय पर पूरी हो इसके लिए हेलीकाप्टर की भी मदद ली जाएगी। शासन से इस संबंध में निवेदन किया जाएगा।

गत सोमवार को डीएम मंगेश घिल्डियाल अपनी पूरी टीम के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग पर यात्रा तैयारियों का निरीक्षण के लिए रवाना हुए थे। निरीक्षण के दौरान डीएम के साथ 12 से अधिक अधिकारियों की टीम मौजूद थी। निरीक्षण के बाद कलक्ट्रेट पहुंचने पर डीएम ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग व धाम में बर्फबारी से भारी नुकसान पहुंचा है। 

सभी विभागों की टीम यात्रा तैयारियों में जुटी गई है, केदारनाथ में पेयजल, विद्युत, गढ़वाल मंडल विकास निगम समेत सभी विभागों की टीम केदारनाथ में पहुंच गई हैं, जो यात्रा तैयारियों में जुटी हैं। बर्फ इतनी अधिक है कि इसे हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। 

केदारनाथ पैदल मार्ग पर दो पुल बर्फबारी से क्षतिग्रस्त हुए हैं, एक पुल गौरीकुंड में है, जबकि दूसरा पुल भीमबली में है। इनका पुन:निर्माण यात्रा से पूर्व कर लिया जाएगा। इसके अलावा पैदल मार्ग पर 70 फीसदी सुरक्षा रेलिंग टूट चुकी है। बर्फ काट कर पैदल मार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया है, चार दिन के भीतर पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही सुचारू कर दी जाएगी। डीएम ने बताया के केदारनाथ में पांच बेड वाला चिकित्सालय क्षतिग्रस्त हो गया है।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच रैन सेंटर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लिनचोली में 17 कॉटेज पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। केदारनाथ में 10 कॉटेज क्षतिग्रस्त हो गई हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम का डायनिंग हाल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। अभी पांच फीट बर्फ से अन्य काटेज ढकी हैं, जिससे बर्फ पिघलने पर ही ओर नुकसान का पता चल सकेगा।

डीएम ने बताया कि समय से यात्रा तैयारियां पूरी करने के लिए सभी अधिकारियों ने केदारनाथ में डेरा डाल दिया है। अधिक से अधिक यात्रियों के केदारनाथ रहने के लिए व्यवस्थाएं की जाएंगी। अस्थाई टेंट लगाने के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जरूरी सामान समय से केदारनाथ पहुंचाया जाएगा, और यात्रा तैयारियों में हेलीकाप्टर की जरूरत पड़ सकती है, इसके लिए शासन को हेलीकाप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाएगा।डीएम ने बताया कि पैदल मार्ग पर कई स्थानों में पंद्रह फीट से अधिक बर्फ काट कर रास्ता तैयार किया गया है। हेलीपैड से भी दो दिन के भीतर बर्फ हटा दी जाएगी।

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