चमगादड़ ने फैलाया कोरोना! अब इलाज के लिए चीन कर रहा है ये बड़ा प्लान

चीन के वुहान शहर में चमगादड़ से शुरू हुए कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब चीन में भालू और बकरी से उपचार होगा। चीन सरकार ने भालू के पित्‍त और बकरी की सींग से बनी मेडिसिन को कोरोना मरीजों को देने की इजाजत दे दी है। चीन सरकार के इस निर्णय के बाद वन्‍यजीव प्रेमी भड़क गए हैं। उनका कहना है कि इससे पूरी दुनिया में इन जंगली जानवरों के अवैध कारोबार को बढ़ावा मिलेगा जो इस महामारी का सबब माने जा रहे हैं।

बता दें कि यह दवा उन 6 परंपरागत चीनी दवाओं में शामिल है जिसके दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग भी परंपरागत चीनी दवाओं को प्रोत्साहन देते हैं। उनका कहना है कि चीन की परंपरागत चिकित्‍सा प्रणाली को उतनी ही अहमियत देना है, जितनी दूसरी चिकित्‍सा पद्धतियों को। विशेषज्ञों के अनुसार, भालू के पित्‍त में ursodeoxycholic एसिड पाया जाता है जो पथरी को गलाने और लीवर से जुड़ी बीमारियों में इस्‍तेमाल किया जाता है। हालांकि इसके कोरोना के इलाज में किसी लाभ  को लेकर कोई अध्ययन नहीं हुआ है।

भालू के पित्‍त से बने इंजेक्‍शन को तैयार करने वाले का दावा है कि इससे सांस लेने में समस्या, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस का उपचार किया जा सकता है। चीन कोरोना से जंग में परंपरागत और पश्चिमी दवाओं दोनों का उपयोग कर रहा है। चीन में अब तक 3 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से मारे गए हैं और 82 हजार लोग संक्रमित हैं। इस बीच वन्‍यजीव प्रेमियों ने चीन के इस कदम पर विरोध जताया है।

 

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