घाटी में 35A पर आज अलगाववादियों का बंद, 14 साल बाद BSF की तैनाती

अलगाववादियों के समूह जेआरएल ने आज घाटी में बंद का आह्वान किया है। प्रेस में जारी बयान में जेआरएल ने कहा कि उनके नेता यासीन मलिक समेत जमात-ए-इस्लामी के 200 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी यहां चल रही दमन नीति के संकेत हैं। सोमवार को उच्चतम न्यायालय में 35ए पर सुनवाई के परिणाम क्या होंगे।घाटी में 35A पर आज अलगाववादियों का बंद, 14 साल बाद BSF की तैनाती

14 साल बाद बीएसएफ की तैनाती
श्रीनगर में 14 साल बाद बीएसएफ को तैनात किया जाएगा। आतंकवाद के दौर में बीएसएफ कानून व्यवस्था की स्थिति संभाल रही थी। बाद के दिनों में वर्ष 2004-05 में केंद्र ने सीआरपीएफ को लगा दिया। 2016 की हिंसा के बाद भी बीएसएफ को अस्थायी तौर पर लगाया गया था, लेकिन तुरंत ही इसे हटा लिया गया।

सीआरपीएफ से अधिक सख्त फोर्स है बीएसएफ
बीएसएफ को अधिक सख्त फोर्स माना जाता है। सीआरपीएफ की तुलना में यह माना जाता है कि बीएसएफ अधिक प्रशिक्षित फोर्स है। साथ ही उसे हर स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग हैं।

कश्मीर घाटी में अलगाववादियों व पत्थरबाजों पर शिकंजा
वहीं इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने शुक्रवार रात छापेमारी कर 150 से अधिक अलगाववादियों और पत्थरबाजों को हिरासत में लिया। इनमें ज्यादातर जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हैं। जमात के राज्य प्रमुख अब्दुल हमीद फयाज को भी हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को भी गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35-ए पर सोमवार से शुरू हो रही सुनवाई से पहले घाटी में तनाव के मद्देनजर यह धरपकड़ की गई है। हालांकि, पुलिस ने इसे नियमित प्रक्रिया बताते हुए कहा कि कुछ नेताओं और पत्थरबाजों को हिरासत में लिया गया है।

दूसरी ओर, जमात ने दावा किया कि यह क्षेत्र में और अनिश्चितता की राह प्रशस्त करने के लिए साजिश का हिस्सा है। जमात पर यह पहली बड़ी कार्रवाई है। यह संगठन पूर्व में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की राजनीतिक शाखा के तौर पर काम करता था। हालांकि, उसने हमेशा खुद को एक सामाजिक और धार्मिक संगठन बताया।

अलगाववादियों समेत जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं पर शुक्रवार की रात हुई कार्रवाई से शनिवार को घाटी में तनावपूर्ण स्थिति रही। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहे।

शनिवार सुबह से ही घाटी के मुख्य बाजारों में तनाव के चलते दुकानें बंद रहीं, जबकि कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद कराई और यातायात को भी रोका।

श्रीनगर के सौरा, डाउन टाउन, नौहट्टा समेत लाल चौक के मायसूमा और दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में सबसे पहले दुकानें बंद हुईं। डाउन टाउन, गोजवारा, राजे कदल, करानगर समेत सौरा में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच छिटपुट पथराव की घटनाएं हुईं।

अफवाहों ने तनाव बढ़ाया
शनिवार सुबह से ही अफवाहों का बाजार गरम रहा। अफवाह रही कि एक प्रमुख अलगाववादी नेता की तिहाड़ जेल में मौत हो गई है। शुक्रवार रात से जो माहौल बन रहा था उससे लोग यही अंदाजा लगाते रहे कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो सकता है। इससे अधिक यह भी अफवाह फैली कि केंद्र सरकार 35ए में संशोधन करने का प्रयास कर रही है।

रोजमर्रा की चीजों सहित पेट्रोल लेने की होड़
अफवाहों के चलते रोजमर्रा की चीजों चावल, सब्जियों के साथ-साथ पेट्रोल पंप पर भी लोगों में होड़ दिखी। इससे अधिक एटीएम व दवा की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखने को मिली।

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