घर की छत पर गुल खिला रहे 75 साल के गोपाल

नई दिल्ली । ‘मुझे सलीका न सिखा बगीचे की बागबानी का, फूल हो या फिर कांटे, इश्क बराबर करता हूं मैं।’  जीं हां, 75 साल के मदन गोपाल कोहली को फूलों-पौधों से ऐसी मुहब्बत है कि इसका बसेरा हमेशा उनकी छत पर रहता है। जब-जब उनकी मुहब्बत परवान चढ़ती है, एक कीर्तिमान देश का गौरव बढ़ाता है।बागबानी के जरिय उन्होंने आठवीं बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह पाई है।

घर की छत पर गुल खिला रहे 75 साल के गोपालउत्तरी दिल्ली के केशवपुरम निवासी मदन खुद तो पर्यावरण के प्रेमी हैं हीं, साथ ही उन्होंने अन्य लोगों को भी इस प्रेम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है।

उनके छोटे से घर की छत पर फूलों की रंगत बिखरी है तो औषधियों और सजावटी पौधों की किस्में प्रकृति की गोद जैसा अहसास कराती हैं।

मदन गोपाल ने छत पर 25 वर्ग मीटर की छोटी सी जगह में 20 हजार पौधे लगाए गए हैं। इसके लिए उन्हें सात बार पर्यावरण क्षेत्र में गिनीज बुक में जगह मिली है। अब उन्हें आठवीं बार भी इसी लिए चयनित किया गया है। कोहली के मुताबिक प्रदूषण को दूर करने के लिए बागवानी से बेहतर और कुछ भी नहीं।

उनके छत की बागबानी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां गमलों का प्रयोग न के बराबर है। उन्होंने कबाड़ से जुगाड़ का भी रास्ता सुझाया है।

उनके पौधे, सीमेंट के कट्टे, पॉलिथीन बैग, पुराने पाइप के टुकड़े, पुराने डिब्बे, बोतलें, प्लास्टिक की टूटी-फूटी टोकरियां, पुराने टीन के बक्से आदि में फल-फूल रहे हैं।

इसी प्रकार पौधों को इस्तेमाल हो चुके पानी से सींचते हैं। उनकी बागवानी के अंदर भी कई बगिया हैं। जैसे किचन गार्डन में मिर्च, हल्दी, नींबू, बैंगन, लौकी, मक्का जैसे पौधे लगाए हैं। फलों में आम, अमरूद, काले अंगूर, पपीता, अनार, चीकू व ईख को बोनसाई विधि से उगा रहे हैं।

शीशम, बरगद और पीपल भी हैं। गुलाब, चंपा, चमेली व लिली के अलावा कई विदेशी फूलों को मिलाकर करीब 35 किस्में हैं।

वह सुबह शाम बागवानी में 2-2 घंटे बिताते हैं। इस दौरान पौधों में पानी देना, खराब पत्तियों को अलग करना, कीड़ों की जांच करना, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना।

पेड़-पौधों की पक्षियों और बंदरों से सुरक्षा भी मुस्तैदी से करते हैं। इस ढलती उम्र में पौधों की देखभाल पौधों को तो खुशहाल रखती ही है उन्हें भी तरोताजा रख रही है।

इसलिए गिनीज में जगह

मदन गोपाल की बागबानी में लगे एक विशेष फूल गोमफरेना के पौधे ने उन्हें गिनीज बुक में जगह दिलवाई। विश्व में इस फूल का सबसे स्वस्थ पौधा मदन की बागबानी में है जिसकी ऊंचाई लगभग 4 फीट है।

 
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