घने कोहरे के कारण दिल्ली हवाईअड्डे पर विमानों का आगमन एवं प्रस्थान रुका
राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में घने कोहरे के चलते इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुक्रवार को विमानों का परिचालन बाधित हो गया। आईजीआई हवाईअड्डे पर विमानों का आगमन एवं प्रस्थान रुका हुआ है।
सुबह साढ़े पांच और साढ़े आठ बजे के बीच दो विमानों का मार्ग भी परिवर्तित किया गया। हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘विमानों का परिचालन रुका हुआ है। बहुत कम विमानों ने उड़ान भरी है और वह भी उनके आकार, दृश्यता और उड़ान भरने के लिए वायु यातायात नियंत्रण मंजूरी के आधार पर।’’
एक अधिकारी ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे से सात बजे तक विमानों को उड़ान भरने से पूरी तरह रोक दिया गया तथा सुबह छह बजे और सात बजकर 20 मिनट के बीच रुक-रुककर विमान उतरे। घने कोहरे के कारण सुबह सात बजे के बाद भी विमानों को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई।
विमान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया
राजधानी में बेघरों की मौत पर भाजपा ने दिल्ली सरकार को घेरा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने राजधानी में ठंड से बेघरों की मौत मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरा है। तिवारी ने कहा कि एक तरफ तो सरकार विश्वस्तरीय शेल्टर होम बनाने का दावा कर रही है। वहीं मात्र 45 दिनों में 331 लोगों की मौत सरकार के दावों की पोल खोल रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने नाम के विपरीत काम कर रही है।
मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार गरीब विरोधी है और इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार का गरीबों से कुछ भी लेना-देना नहीं है। रैन बसेरों की हालत दयनीय है। बेघरों के लिए रहने की जगह नहीं है। गरीब ठंड में सड़कों पर सोने के लिए मजबूर है और उनकी जान जा रही है।
तिवारी ने कहा कि सरकार ने 200 से ज्यादा शेल्टर होने का दावा किया है, बताए आखिर कहां है। तिवारी ने कहा कि बेघर लोगों का कोई नहीं होता और सरकार ही उनकी हमदर्द होती है। सरकार को इन लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। अभी भी देर नहीं हुई सरकार को तुरंत ठोस कदम उठाकर इन गरीबों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए ताकि और लोग न मरे।
तिवारी ने कहा कि सितंबर माह में भी 200 लोगों की मौत हुई है। इतना ही नहीं एक जनवरी से 14 जनवरी के बीच भी 96 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे स्पष्ट है कि सरकार और आप में संवेदनशीलता नहीं है। इस अवसर पर तिवारी के अलावा मीडिया प्रभारी प्रत्युष कंठ, नीलकांत बक्शी और आशोक गोयल ने भी सरकार की निंदा करते हुए कहा कि उसकी कथनी-करनी में अंतर है।