गोंडा: पेट्रोल से जिदा जलाने के प्रयास में घायल हुए विष्णु कुमार पांच दिनों तक मौत से लड़ता रहा जंग

पेट्रोल से जिदा जलाने के प्रयास में घायल हुए विष्णु कुमार पांच दिनों तक मौत से जंग लड़ता रहा। मिलने के लिए पहुंचने वाले लोगों से वह बात करता, अपना दर्द बयां करता। रविवार को एकाएक उसकी तबीयत बिगड़ी। इलाज के दौरान उसकी सांसें थम गई। उधर मौत की खबर आते ही परिवारीजनों में कोहराम मच गया। कुछ परिवारीजन लखनऊ में साथ में है तो कुछ घर पर। ऐसे में परिवारीजन का रो-रोकर बुरा हाल है।

कोतवाली देहात क्षेत्र के मुगलजोत गांव के रहने वाले विष्णु कुमार अपने भाई विजय कुमार के साथ 14 मई का देर शाम अपने पिता को लेने के लिए जमुनियाबाग गया था। वहां पर कुछ युवकों से उसका विवाद हो गया था। इस मामूली विवाद में युवकों ने दबंगई दिखाते हुए उसे पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। जिससे वह बुरी तरह झुलस गया था। अफरातफरी के बीच उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया। यहां से पुलिस टीम ने उसे ले जाकर लखनऊ में भर्ती कराया। सिविल अस्पताल से उसे शनिवार को एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां पर रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि की है।

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साहब हम कहां जाई

भाई विजय कुमार का कहना था कि साहब मेरा भाई चला गया। अब हम का करी, कुछ नाही जानित हय। अब हम केहकय भरोसे पर रहब। उसे अन्य रिश्तेदार दिलासा दे रहे हैं। वहीं पर पत्नी जुगारा की हालत खराब है। वह गोद में लिए बेटी को दिखाकर कह रही है कि हमार तो सब कुछ उजरि गवा। अब हमार का होई। हमरी बिटिया का के देखि। हम जानित तो न जाय देईत।

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लोगों ने की थी मदद

विष्णु के इलाज में किसी तरह की कोई दिक्कत न आने पाए, इसके लिए नेताओं के साथ ही अन्य संगठनों के लोगों ने उसकी दिल खोलकर मदद की। कुछ लोगों ने तो लखनऊ जाकर उसकी सहायता की। कोतवाल राजनाथ सिंह ने भी उसकी सहायता की लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

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