गैरसैंण के मुद्दे पर सदन से लेकर सड़क तक हंगामा

गैरसैंण,चमोली: पहली बार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन गैरसैंण के नाम रहा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस ने गैरसैंण को राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। दूसरी तरफ, उत्तराखंड क्रांति दल समेत तमाम अन्य आंदोलनकारी संगठनों ने सदन के बाहर सुरक्षाकर्मियों की नाक में दम किए रखा। राज्यपाल ने अपना पूरा अभिभाषण हंगामे के बीच पढ़ा। दिवंगत विधायक मगनलाल शाह को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन बुधवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया।गैरसैंण के मुद्दे पर सदन से लेकर सड़क तक हंगामा

मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन सदन में राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल का अभिभाषण शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने गैरसैंण राजधानी का मसला उठाते हुए सरकार से मांग की कि वह इस पर अपना रुख स्पष्ट करे। इसी बीच कांग्रेस के अन्य विधायकों उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, हरीश धामी, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत, ममता राकेश, फुरकान अहमद, राजकुमार आदि ने ‘आज दो अभी दो, गैरसैंण राजधानी दो’ के नारे लगाने शुरू कर दिए और वेल में पहुंचकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्हें मार्शल घेरे रहे जबकि विधायक नारेबाजी करते रहे। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश अपनी सीट के  पास ही खड़े रहकर अपने साथी विधायकों की हौसलाअफजाई करती रहीं।

कांग्रेस विधायकों के प्रदर्शन के कारण राज्यपाल को अपना अभिभाषण हंगामे के बीच ही पढऩा पड़ा। कांग्रेस विधायक तब तक गैरसैंण के पक्ष में नारेबाजी करते रहे, जब कि राज्यपाल का अभिभाषण खत्म नहीं हो गया। अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि, तीन बजे सदन की कार्यवाही फिर प्रारंभ हुई तो कांग्रेस विधायक शांत बैठे रहे।

दूसरी ओर, उत्तराखंड क्रांति दल समेत अन्य राजधानी समर्थक आंदोलनकारियों ने सदन के बाहर गैरसैंण का मुद्दा गर्माए रखा। हालांकि, प्रदर्शनकारी उक्रांद कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दिगोलीखाल के पास रोक लिया था। इस दौरान उक्रांद के कार्यकर्ता सड़क पर लेट गए। नतीजतन, सदन की कार्रवाई में भाग लेने जा रहे कुछ विधायकों और अधिकारियों को काफी दूर पैदल चलने के बाद भराड़ीसैंण तक पहुंचना पड़ा। 

दोपहर में कुछ उक्रांद व अन्य आंदोलनकारी कार्यकर्ता विधानसभा परिसर में स्वागत कक्ष और विधानसभा भवन के पीछे बनी पानी की टंकी के पास तक पहुंच गए। यहां पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। पुलिस कर्मियों ने बाद में सभी को वाहनों में भरकर दिगोलीखाल व अन्य स्थानों पर छोड़ा। 

सीट पर ही बैठे रहे पंवार

गैरसैंण राजधानी की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार अपनी सीट पर ही बैठे रहे। हालांकि, पूर्व में वह राजधानी गैरसैंण के मसले को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। ऐसे में उनकी चुप्पी चर्चा के केंद्र में रही।

नहीं पहुंच पाए प्रीतम सिंह

कांग्रेस विधायक एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाए। वह शाम को तब गैरसैंण पहुंचे, जब सदन की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित हो चुकी थी।

पुलिस से भिड़े आंदोलनकारी, पानी की बौछारें

गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को उत्तराखंड क्रांति दल और स्थायी राजधानी संघर्ष समिति समेत विभिन्न संगठनों ने विधान भवन के पास जबर्दस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस ने आंदोलनकारियों पर पानी की बौछारें भी की, लेकिन इससे भी आंदोलनकारी नहीं डिगे और विधानभवन परिसर तक पहुंच गए। 

पुलिस ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर मालसी और मेहलचौरी स्थित अस्थायी जेलों में भेजा। प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर जाम लग गया, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उक्रांद के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा गैरसैंण को लेकर आंदोलन जारी रहेगा।

60 मीटर ऊंचे टावर पर चढ़े राजधानी समर्थक

गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के मनीष सुंदरियाल और देवेंद्र बल्ली समेत नौ आंदोलनकारी दोपहर एक बजे करीब दीवालीखाल स्थित आकाशवाणी के 60 मीटर ऊंचे टावर पर चढ़ गए और आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने पर ही अनशन तोड़ा जाएगा। बाद में किसी तरह आंदोलनकारियों को टावर से उतारा जा सका। 

माकपा माले के कार्यकर्ता भी पहुंचे दीवालीखाल

माकपा माले के प्रदेशभर से आए कार्यकर्ताओं ने गैरसैंण राजधानी की हुंकार भरते हुए विधानसभा कूच किया, लेकिन उन्हें दीवालीखाल बैरियर पर पुलिस ने रोक लिया। 

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