गैंगरेप मामले में गायत्री प्रजापति के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश
नई दिल्ली।विधानसभा चुनाव लड़ रहे अमेठी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और उत्तर प्रदेश के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुप्रीमकोर्ट ने एक महिला की ओर दुष्कर्म की शिकायत पर उत्तर प्रदेश सरकार को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में आठ सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है।
अमेठी में 27 फरवरी को मतदान होना है। न्यायमूर्ति एक सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिये। इससे पहले महिला की ओर से पेश वकील महमूद प्राचा ने आरोप लगाया कि उनकी मुवक्किल के साथ प्रजापति और उनके साथियों ने कई बार दुष्कर्म किया।
इतना ही नहीं उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न हुआ इस सबकी प्रदेश के डीजीपी तक से शिकायत होने के बावजूद आज तक पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है। प्राचा का कहना था कि ललिता कुमारी मामले में सुप्रीमकोर्ट ने साफ आदेश दिया है कि पुलिस संज्ञेय अपराध की सूचना मिलने पर तुरंत एफआईआर दर्ज करेगी।
लेकिन प्रदेश पुलिस ने इस मामले में उनकी शिकायत पर एफआइआर दर्ज नहीं की क्योंकि जिसके खिलाफ शिकायत है वह प्रभावी व्यक्ति है और प्रदेश सरकार में मंत्री है। जबकि दूसरी और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील रवि प्रकाश मेहरोत्रा ने प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल किये गये हलफनामे का ब्योरा देते हुए कहा कि पुलिस ने शिकायत मिलने पर मामले को गंभीरता से लिया और जांच की गई है और की गई जांच की सारी रिपोर्टें भी इस हलफनामे के साथ दाखिल की गई हैं।
मामला तीन साल पुराना है। देरी से शिकायत करने का कारण शिकायतकर्ता नहीं बता पाई। जांच में पाया गया कि याचिकाकर्ता ने स्थानीय पुलिस में पहले कोई शिकायत दर्ज नहीं की है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिकायतकर्ता के उत्तर प्रदेश आने पर उसे सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिये हैं अब याचिका में कोई ऐसी मांग नहीं रह गई है जिस पर विचार होना हो। मेहरोत्रा ने यह भी कहा कि प्रदेश में चुनाव घोषित हो चुके हैं और ये मामला चुनाव के दौरान राजनीति से प्रेरित लगता है।
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह व्यक्ति प्रभावशाली है तो क्या हुआ आप एफआइआर दर्ज करिए। एफआईआर के बाद अगर जांच में कुछ नहीं मिलता है तो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल हो सकती है लेकिन पहले एफआईआर दर्ज करो। कोर्ट ने एफआइआर दर्ज करने का आदेश देते हुए प्रदेश सरकार से कहा कि वह 8 सप्ताह में सील बंद लिफाफे में मामले की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे।
क्या है मामला
गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर 2013 और 2016 में सामूहिक दुष्कर्म का कथित आरोप लगाया है। इसके अलावा महिला ने आरोपियों द्वारा उसकी बेटी से भी छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
महिला ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामले में तत्काल एफआइआर दर्ज करने और कोर्ट में मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिये जाएं। महिला ने जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा भी मांगी है। इस मामले मे कोर्ट ने गत 25 नवंबर को नोटिस जारी किया था और वर्तमान में दिल्ली में रह रही याचिकाकर्ता को दिल्ली पुलिस से समुचित सुरक्षा देने का भी आदेश दिया था।