गुरमीत राम रहीम के समर्थक की दाे कैदियों ने कर दी हत्‍या, रैपिड एक्शन फोर्स और BSF तैनात

बरगाड़ी मामले के मुख्य साजिशकर्ता डेरा प्रेमी व गुरमीत राम रहीम के समर्थक महिंदरपाल सिंह उर्फ बिट्टू की नाभा स्थित नई जिला जेल हत्‍या कर दी गई। जेल में दो कैदियों ने लोहे के सरिये से हमला कर उसकी हत्या कर दी। बिट्टू फरीदकोट जिले के चंदकपूरा का रहने वाला था। इससे कोटकपूरा सहित कई क्षेत्रों में तनाव है। कोटकपूरा और बरगाड़ी में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। रेपिड एक्‍शन फोर्स और बीएसएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन के उच्‍च अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं।

हत्या के आरोपित मनिंदर सिंह व गुरसेवक सिंह जेल में हत्‍या के केस में सजा काट रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा घटना की न्यायिक जांच अलग से होगी। इस घटना से बरगाड़ी और कोटकपूरा में तनाव है और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

नाभा की नई जिला जेल में हत्या की सजा काट रहे दो कैदियों ने सरिये से किया हमला

महिंदरपाल का शव सुबहृ कोटकपूरा लाया गया है। शव को डेरा सच्चा सौदा के नाम चर्चा घर में रखा गया है। काफी संख्‍या में डेरा प्रेमी वहां पहुंच कर महिंदरपाल को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। नामचर्चा घर और आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। फिरोजपुर रेंज के आइजी मुखविंदर सिंह छीना भी अन्‍य पुलिस अफसरों के साथ वहां पहुंचे। आइजी छीना और एसएसपी राज बचन सिंह संधू ने महिंदरपाल के भाई और बेटे से बात की।

उधर, जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सहायक जेल सुपरिंटेंडेंट अजमेर सिंह (इंजार्च स्पेशल सिक्योरिटी सेल), बैरक प्रभारी मेजर सिंह व अमन गिरी और संतरी लाल सिंह को निलंबित कर दिया है। जेल सुपािंटेंडेंट बीएस भुल्लर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए होम सेक्रेटरी को पत्र लिखा है।

गौरतलब है कि महिंदरपाल सिंह सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा की 45 सदस्यों वाली कमेटी में शामिल था। उसे पिछले साल सात जून को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से गिरफ्तार किया गया था। जेल में इन दिनों बिल्डिंग की कंस्ट्रकशन का काम चल रहा है। इस वजह से अंदर सरिया व लोहे का अन्य अन्य सामान पड़ा था। शनिवार शाम को जब सभी कैदी बैरक में जा रहे थे, तो दोनों आरोपितों ने महिंदरपाल पर सरिये से हमला कर दिया। बुरी तरह से घायल बिट्टू को तुरंत नाभा सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

एडीजीपी जेल से तीन दिन में मांगी जांच रिपोर्ट, राज्य भर में सुरक्षा बढ़ाई

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना की फैक्ट फाइंडिंग के लिए जांच के आदेश दिए हैं। एडीजीपी जेल रोहित चौधरी इसके प्रमुख होंगे। उनसे तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्यमंत्री ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने व अफवाहों में न आने की अपील की है। राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

आरोपितों के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज
पटियाला रेंज के आइजी एएस राय, डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित, एडीजीपी जेल रोहित चौधरी, डीआइजी जेल एलएस जाखड़, एडीसी पूनमदीप कौर, एसपी डॉ. रवजोत ग्रेवाल (एडिशनल इंजार्च एसएसपी), एसडीएम नाभा काला राम बंसल ने मौके का मुआयना किया। आइजी राय ने बताया कि दोनों आरोपितों के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज किया गया है। अलर्ट जारी कर दिया है।

आरोप- महिंदर पाल के कहने पर ही चोरी हुआ था पावन स्वरूप

फरीदकोट। नाभा जेल में मारे गए डेरा प्रेमी महिंदर पाल उर्फ बिट्टू को बरगाड़ी मामले में सीबीआइ की ओर से चालान न पेश किए जाने के कारण पिछले साल ही जमानत मिल गई थी, लेकिन मोगा व कोटकपूरा से संबंधित दो केस लंबित होने के कारण उसे जेल में रखा गया था। पंजाब पुलिस ने उसे पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद कई डेरा प्रेमियों को पकड़ा गया था।

बिट्टू समेत 10 की शिनाख्त बरगाड़ी बेअदबी मामले में बतौर आरोपित की गई थी। बिट्टू के घर में जूते वाले कमरे से जन्म साखी की पोथी बरामद हुई थी, जिसके बाद उसके खिलाफ कोटकपूरा में बेअदबी का केस दर्ज किया था। एसआइटी के अनुसार बिट्टू बरगाड़ी बेअदबी केस का मुख्य साजिशकर्ता था। उसके कहने पर ही 1 जून, 2015 को गांव बुर्ज जवाहर वाला के गुरुद्वारा साहिब से डेरा प्रेमी फरीदकोट निवासी रणदीप सिंह नीला व कोटकपूरा निवासी सुखजिंदर सिंह सन्नी कंडा ने पावन स्वरूप चोरी किया था, जिसे कोटकपूरा के गांव सिखांवाला में बलजीत सिंह नामक डेरा प्रेमी के घर छिपा दिया था।

गौरतलब है कि इसके बाद गुरुग्रंथ साहिब के पन्ने नहर में फटे हुए मिले थे। इससे गुस्साए लोगों ने कोटकपूरा व बहिबलकलां में धरना दिया था। धरने में पुलिस फायरिंग में दो सिख युवकों की मौत हो गई थी। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल भी आरोपित हैं। उनसे पूछताछ हो चुकी है। एसआइटी के अनुसार इनके कहने पर ही गोली चलाने के आदेश दिए गए थे। इस घटना ने प्रदेश की राजनीति को हिला कर रख दिया था। बेअदबी मामला विधानसभा चुनाव में शिअद की हार का बड़ा कारण बना था।
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नाभा जेल में डेरा प्रेमी की हत्या के बाद कोटकपूरा में हालात तनावपूर्ण

महिंदरपाल की हत्या के बाद कोटकपूरा में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। बिट्टू के घर के पास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं, नाभा में भी पुलिस अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि 24 सितंबर 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब के बाहर पोस्टर लगाकर बेअदबी की धमकी दी गई थी। इस पोस्टर को कोटकपूरा निवासी सुखजिंदर सिंह सन्नी, निशान सिंह व प्रदीप कुमार उर्फ राजू ने चिपकाया, जिसे तैयार करने में कोटकपूरा के संदीप कुमार बिट्टू का हाथ होने का शक था।

पोस्टर लगाने के 18 दिन बाद 12 अक्टूबर 2015 को पावन ग्रंथ के पन्ने फाड़कर उन्हें बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर व आसपास फेंक दिया गया। इस कार्य में गांव डग्गोरोमाना निवासी शक्ति सिंह, सुखजिंदर सिंह सन्नी व कोटकपूरा निवासी रणजीत सिंह भोला का हाथ पाया गया। पावन ग्रंथ की बेअदबी करने के बाद खंडित स्वरूप को महिंदरपाल बिट्टू ने कोटकपूरा के देवीवाला रोड स्थित सीवरेज ड्रेन में फेंक दिया था। इन घटनाओं में गिरफ्तार फरीदकोट निवासी नरिंदर शर्मा की शमूलियत पाई गई और उसे भी मोगा केस में रिमांड पर लेकर पूछताछ हो रही है। एसआइटी की जांच में सामने आया है कि बुर्ज जवाहर सिंह से चोरी किए गए पावन ग्रंथ की ही बरगाड़ी में बेअदबी की गई थी।

पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने बरगाड़ी बेअदबी मामले से संबंधित तीनों घटनाओं की जांच का काम मुकम्मल करके जांच रिपोर्ट का पूरा पुलिंदा सीबीआइ के हवाले कर दिया था। बाद में सीबीआइ ने बिट्टू समेत तीन डेरा प्रेमियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी, लेकिन चालान पेश नहीं किया था। इसके आधार पर सीबीआइ कोर्ट में इन तीनों को जमानत दे दी थी।

बिट्टू से पूछताछ कर डेरा प्रमुख की भूमिका पता लगाना चाहती थी एसआइटी
सूत्रों के अनुसार गोलीकांड मामले की जांच कर रही एसआइटी भी महिंदर पाल बिट्टू की पूछताछ करना चाहती थी। उनसे इन घटनाओं में डेरा प्रमुख की भूमिका पता लगाना चाहती थी। एसआइटी के सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि तफ्तीश काफी नजदीक पहुंच चुकी थी, लेकिन बिट्टू की हत्या से जांच प्रभावित हुई है।

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