CM योगी का बड़ा फैसला: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अब प्राथमिक स्कूलों की होगी ग्रेडिंग…

प्रदेश कैबिनेट ने हर बच्चे की बुनियादी शिक्षा सुनिश्चित करने और शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए यूपी नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिकार नियमावली-2013 (तृतीय संशोधन 2018) में संशोधन से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें आउट ऑफ स्कूल बच्चों की परिभाषा तय करने के साथ स्कूलों की ग्रेडिंग करने का फैसला हुआ है।CM योगी का बड़ा फैसला: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अब प्राथमिक स्कूलों की होगी ग्रेडिंग...

अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा प्रभात कुमार ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी दी। कुमार ने बताया कि आउट ऑफ स्कूल बच्चे किसे मानें अब तक इसकी कोई परिभाषा तय नहीं थी। इस संशोधन के जरिए नियमावली में इसकी परिभाषा तय कर दी गई है। नियमावली के नियम-3 में यह प्रावधान जोड़ा दिया गया है कि 6 से 14 वर्ष आयु के ऐसे बच्चों को बिना स्कूल का माना जाएगा जो कभी स्कूल में नामांकित न हुए हों या नामांकन के बाद अनुपस्थिति के कारणों की पूर्व सूचना के बिना स्कूल से लगातार 45 दिन या अधिक दिनों से अनुपस्थित रहे हों।

इसी तरह नियमावली के नियम-19 के उप नियम-1 में यह प्रावधान जोड़ा गया है कि कोई अध्यापक प्रत्येक बालक की सीखने की योग्यता का निर्धारण करेगा। उसमें सुधार के लिए यदि अतिरिक्त प्रयास की जरूरत होगी तो उसे करना पड़ेगा। 

फरवरी से होगी स्कूलों की ग्रेडिंग

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि  गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी प्राथमिक स्कूलों की ग्रेडिंग की जाएगी। ग्रेडिंग लर्निंग आउटकम के आधार पर होगी। नियमावली के नियम-22 के उप नियम-3 में यह व्यवस्था कर दी गई है कि शिक्षा के गुणवत्ता के निर्धारण व उसमें सुधार के लिए छात्रों द्वारा प्राप्त किए गए शिक्षण परिणामों के आधार प्रत्येक वर्ष के फरवरी में प्रत्येक विद्यालय की ग्रेडिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर ग्रेडिंग की प्रक्रिया तय की जा चुकी है। इसके लिए बाकायदा एक पेपर होगा। बच्चे पेपर देंगे। कमेटी छात्रों के शैक्षिक प्रदर्शन के आधार पर स्कूलों को ‘ए प्लस’ से ‘एफ’ तक ग्रेड देगी। इससे शिक्षकों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी। फरवरी में ग्रेडिंग का काम होगा। इससे पता चल सकेगा कि किस स्कूल में पढ़ाई अच्छी हो रही है, कहां ठीक नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि इससे हमें स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।

स्कूलों को इस तरह मिलेगी ग्रेड
प्राप्त नंबर  स्कूलों को ग्रेड
80 से 100 प्रतिशत ए +
70 से 79.99 प्रतिशत बी
60 से 69.99 प्रतिशत सी
50 से 59.99 प्रतिशत डी
35 से 49.99 प्रतिशत ई
34.99 प्रतिशत तक एफ 

इस बार दिसंबर से ही स्कूल चलो अभियान

अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा प्रभात कुमार ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों में जिस तरह दिसंबर से ही प्रवेश से जुड़ी कार्यवाही फार्म वितरण आदि शुरू हो जाता है, उसी तरह बेसिक  शिक्षा विभाग दिसंबर से ही प्रवेश से जुड़े प्रयास शुरू कर देगा। इस बार स्कूल चलो अभियान की शुरुआत दिसंबर से ही कर दी जाएगी। आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वे व नामांकन कराया जाएगा। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सर्वे में जो पांच लाख बच्चियां आउट ऑफ स्कूल सामने आई हैं, सरकार उनका प्रवेश भी इसी अभियान के दौरान सुनिश्चित कराएगी।

अगले साल एक अप्रैल से ही किताब और ड्रेस का वितरण
अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने बताया कि सरकार अगले वर्ष एक अप्रैल को ही सभी छात्रों को स्कूल ड्रेस और किताबें उपलब्ध करा देगी। इसके लिए 2019 में किताबें उपलब्ध कराने के लिए टेंडर कर दिया गया है। जूते-मोजे के टेंडर एक-दो दिन में हो जाएंगे। ड्रेस खरीद की कार्यवाही स्कूल स्तर पर पहले की तरह होगी। उन्होंने बताया कि प्रयास है कि  31 मार्च तक जूते, मोजे, ड्रेस व किताबों की व्यवथा हो जाए। एक अप्रैल को जब बच्चे स्कूल आएं तो उन्हें एक साथ ड्रेस व किताबें उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने बताया कि अब तक 95 प्रतिशत बच्चों को स्वेटर बंट चुके हैं।

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