गायक जुबिन नौटियाल ने अपने नए गाने के प्रमोशन के लिए दून के एक कार्यक्रम में शिरकत की

मुंबई में हर 10 मीटर की दूरी पर ऊंची ऊंची इमारतें हैं, इसलिए वहां मैं दूर तक नहीं देख पाता। उत्तराखंड में आकर मैं दूर तक देख भी सकता हूं और दूर तक सोच भी सकता है। यह कहना है बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल का। बुधवार को उन्होंने अपने नए गाने है प्यार क्या. के प्रमोशन के लिए दून के एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान जुबिन की जागरण संवाददाता से खास बातचीत।

सवाल : है प्यार क्या गाना बनाने का ख्याल आपके मन में कब आया? 

जुबिन : यह गाना 90 के दशक पर आधारित है। यह गाना उस समय के प्यार के माहौल को दर्शाता है। इसे मैने तीन साल पहले राइटर रॉकी के साथ लिखा था। तीन साल तक इस गाने में कई बदलाव किए गए, आप कह सकते हैं कि इन तीन सालों में हमने इस गाने का जीया है।

सवाल : उत्तराखंड जैसे खूबसूरत राज्य को छोड़कर गोवा में अपने गाने की शूटिंग करने का क्या कारण है। 

जुबिन : यह गाना गोवा की लव स्टोरी पर आधारित है। इसलिए इसकी शूटिंग गोवा में की गई है। इस गाने में गोवा के रोमांटिक माहौल में कपल को बाइक राइडिंग करते दर्शाया गया है। मैने जौनसारी गीतों को बॉलीवुड स्तर पर प्रमोट करने की बहुत कोशिश की है और हमेशा करता रहूंगा। हॉल ही में उत्तराखंड को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली अवार्ड मिला है यह उत्तराखंड के लिए शुभ संकेत हैं। मैं बहुत जल्द अपनी नई एलबम की शूटिंग उत्तराखंड की वादियों में करूंगा।

सवाल : अभिनेत्री कृतिका कामरा के साथ शूटिंग का अनुभव कै सा रहा? 

जुबिन : कृतिका एक उमदा अभिनेत्री है। ऐसी अभिनेत्री के साथ काम करके मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मैने गाने की शूटिंग के दौरान खूब आनंद लिया। फिलहाल मैं अपने यूट्यूब चैनल लॉन्च करने की तैयारी कर रहा हूं।

सवाल : गाना लिखने से लेकर श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं तक कोई यादगार पल? 

जुबिन : गाने को रिलीज करने से पहले एक बैठक का आयोजन किया जाता है। जिसमें सभी गाने को सुनने के बाद अपने विचार रखते हैं। बैठक के बाद कईं लोगों ने कहा कि गाना कुछ खास नहीं लेकिन जब मैं वापस घर लौटा तो मुझे बैठक में शामिल लोगों के फोन आए कि गाना शानदार बना है इसमें कुछ बात है, क्योंकि जब से उन्होंने यह गाना सुना इसकी धुन और बोल उनकी जुबां से हट ही नहीं रहे हैं। वह पल मेरी जिंदगी का सबसे शानदार पल रहा। मैं श्रोताओं को बताना चाहता हूं कि वर्तमान में जादू है। इसलिए हमें वर्तमान को जीना चाहिए, भविष्य तो अपने आप बन जाएगा।

सवाल : उत्तराखंड में संगीत अकादमी खोलने के बारे में सोच है। 

जुबिन : मुझे सारेगामापा शो में बतौर जज बुलाया गया था मैं गया भी था। मुझे ऐसा लगता है कि मैं अभी भी सीख रहा हूं और अभी मैं इतना सक्षम नहीं कि मैं किसी को संगीत सीखा संकू। लेकिन मैं युवाओं को संदेश देता हूं कि इरादे मजबूत हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं। बस गाने को गाने की बजाय जीना चाहिए। सवाल : आपका भविष्य योजनाएं क्या है? जुबिन : मैं अपनी हर एलबम छह से सात महीने के बाद लॉन्च करता हूं। फिलहाल मेरे बहुत से गाने बनकर तैयार है। जल्द ही मेरे एक गाने की शूटिंग ऑर्मेनिया में होगी। इसके अलावा श्रोता मेरी आवाज मर जावां, सड़क टू, थ्री डी डांसर फिल्म के गानों में सुनेंगे।

सवाल : गायक बनने की इच्छा कैसे हुई? 

जुबिन : मैं राजनीति और बिजनेस से संबंध रखने वाले परिवार से हूं। मैं बचपन से ही गाना गाता था और कम से कम एक घंटे अभ्यास जरूर करता था। मैंने दून में संगीत शिक्षिका वंदना श्रीवास्तव और बनारस से चन्नूलाल से संगीत सीखा। इसके अलावा मैंने मुंबई, लंदन और चैन्नई से भी संगीत की शिक्षा ली। वर्ष 2012 में मैं मुंबई शिफ्ट हुआ था। उत्तराखंड आता रहता हूं, हाल 15 दिन की छुंट्टी में आया था। मेरे यहां पर काफी दोस्त हैं, इसलिए मुझे यहां आना अच्छा लगता है। उत्तराखंड की याद हमेशा आती है। यहां आकर मुझे अधिकतम समय घर में बिताना पसंद है।

सवाल : कॅरियर के शुरुआती दौर में रिजेक्शन मिलने के बाद कैसा लगा। 

जुबिन : मेरी सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है। मेरे पिता जी कहते हैं कि जिंदगी स्प्रिंग की तरह है जिसे जितना दबाया जाता है वह उतना ही ऊंचा जाता है। इसलिए मैने अपने हर रिजेक्शन को स्वीकार कर और मेहनत की। मैंने श्रोताओं के पसंद के गाने गाए। जिसे सुनकर उन्होंने मुझे प्यार दिया और उसी प्यार को संजोकर मैंने नए गाने बनाए। अब यह सब एक सर्कल बन गया है।

Back to top button