गाजियाबाद की थाना सिहानी गेट पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पांच ऐसे शातिर लुटेरों को किया गिरफ्तार

गाजियाबाद की थाना सिहानी गेट पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पांच ऐसे शातिर लुटेरों को गिरफ्तार किया है, जो मौका पाते ही वाहन चालक को तमंचे के बल पर लेकर वाहन लूट को अंजाम देते थे. हाल में ही इन बदमाशों ने सिटी फॉरेस्ट इलाके में एक i10 कार को हथियार के बल पर लूट था और कार में सवार लोगों के पास से एटीएम कार्ड व नकदी भी लूट ली थी. पुलिस ने इनके कब्जे से लूटी हुई एक i10 कार, एक i20 कार और एक ब्रेज्जा कार के अलावा अवैध हथियार भी बरामद किए.

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि अपराध पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से गाजियाबाद के एसएसपी द्वारा सभी थाना क्षेत्र में सघन चेकिंग अभियान चलाए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसी कड़ी में थाना सिहानी गेट पुलिस द्वारा भी सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. इसी दौरान पुलिस को एक i10 कार आती हुई दिखाई दी और पुलिस ने उसे रुकने का इशारा दिया, लेकिन कार चालक कार को रोकने के बजाय वहां से कार को भगाना शुरू कर दिया और पुलिस पर ही सीधा फायर झोंक दिया. जवाबी कार्रवाई में पुलिस द्वारा भी फायरिंग की गई. इस दौरान कार में सवार मोहिन उर्फ मनी पुत्र हिसामुद्दीन निवासी अंती खतौली मुजफ्फरनगर को गोली लगी, जिसके बाद वह घायल हो गया और उसे दबोच लिया गया.

एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार घायल मोहिन पर कार लूट और चोरी के 20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. मुठभेड़ के थोड़ी देर बाद ही एक i20 कार भी आती हुई दिखाई दी, इसे भी पुलिस ने रोकने का इशारा किया लेकिन कार चालक ने गाड़ी रोकने के बजाय गाड़ी को भगाना शुरू कर दिया. पुलिस ने फिर कुछ ही दूरी पर कार को चारों तरफ से घेर लिया और कार में सवार बदमाश आशु पुत्र निरंकार को गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा इनके साथ पुलिस ने लोकेश कश्यप, केशव विनय और मोहसिन नाम के बदमाशों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके कब्जे से हाल में लूटी गई एक i10 कार, एक i20 और एक ब्रेज्जा कार के अलावा अवैध हथियार भी बरामद किए हैं.

उन्होंने बताया कि ये लोग पिछले काफी समय से इस इलाके में सक्रिय थे. पुलिस अभी इनका अपराधिक इतिहास खंगालने में जुटी हुई है. साथ ही अभी यह भी जानकारी ली जा रही है कि आखिरकार यह वाहन लूटने के बाद इन्हें कहां-कहां ठिकाने लगाते हैं, साथ ही अब तक कितने वाहनों को लूटकर ठिकाने लगा चुके हैं. अधिकतर यह गिरोह लूटी हुई कारों से मिले ऑरिजन पेपर के आधार पर उन्हीं कागजों में लिखे नाम की फर्जी आईडी बनाते थे और नार्थ ईस्ट में सस्ते दामों पर बेच दिया करते थे. ज्यादातर कुछ साल पुरानी कारों को टारगेट कर यह गिरोह कार लूट की घटनाओं को अंजाम दिया करता था, ताकि बेचते समय कम कीमत पर ऑरिजन कार के पेपर के जरिये कम दामों पर बेचने के बाद भी खरीदार इस गिरोह पर शक न करे. उन्होंने बताया कि अभी इनके इस गैंग में कुछ और साथी भी शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है.

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