गांव के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएं सरपंच : तोमर

नई दिल्ली। केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि पंचायतों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को अब एक कदम आगे बढ़कर गांवों के समग्र विकास के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण जैसे विषयों पर भी पंचायत के प्रतिनिधियों को आगे आकर काम करना चाहिए ताकि देश का प्रत्येक गांव विकास की राह पर अग्रसर हो सके।

तोमर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2020 कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि अधोसंरचना विकास के कार्य तो गांव में कराते ही हैं किंतु अब उन्हें आगे बढ़कर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए गांव के समग्र विकास के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच देश को नई दिशा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की है। आत्मनिर्भर भारत के मूल में गांव और कृषि आधारित अर्थव्यस्था है। ऐसे में पंचायतों के जनप्रतिधियों की भूमिका और भी बढ़ जाती है कि वे प्रधानमंत्री के स्वप्न को साकार करने के लिए सबसे पहले अपने गांव को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में पूरी क्षमता से काम करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांव का हर बच्चा स्कूल जाए, टीकाकरण से लेकर पोषण तक के सभी कार्यक्रम सुचारू रूप से चलें, कृषकों को खेती की हर तकनीकी की जानकारी मिल सके, इसके लिए सरपंचों को स्थानीय शासन के साथ समन्वय बनाकर काम करना होगा। सरकार की प्रत्येक योजना का पूर्ण लाभ ग्रामवासियों को मिले, इस पर भी सरपंचों को निगरानी रखनी चाहिए।तोमर ने विजयी पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि विजेता पंचायतों से प्रेरणा लेते हुए दूसरी पंचायतों को भी बेहतर कार्य करना चाहिए, ताकि अगले वर्ष वे भी ये पुरस्कार प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में पंचायतों के विकास के लिए सिर्फ 65 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद 14वें वित्त आयोग में 2 लाख 292 करोड़ रुपये से अधिक राशि पंचायतों को जारी की गई। अभी 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा आनी है, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए अंतरिम अनुशंसा में ही 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक राज्यों को जारी किए गए हैं।

तोमर ने इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना का भी जिक्र करते हुए कहा कि यह योजना गांवों में रहने वाले लागों को उनके मकान का विधिक दस्तावेज दिलाएगी, जिससे ग्रामीण भी अपने मकान का व्यावसायिक उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने इस अवसर पर कोरोना लॉकडाउन में पंचायतों-किसानों के योगदान की भी सराहना की है।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार की दो श्रेणियो- पं. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार और ई-पंचायत पुरस्कारों की घोषणा भी की गई। गत 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पंचायत प्रतिनिधियों से वेबकास्ट के माध्मय से सीधा संवाद किया था। इस अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार की तीन श्रेणियों- नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार, बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार एवं ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा भी की गई थी।

Back to top button