गहलोत सरकार ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान में शहरी लोगों को देगी राहत

राजस्थान की शहरी जनता को राहत देने के लिए अशोक गहलोत सरकार जल्द ही ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान शुरू करने जा रही है। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर अधिकारी अभिय़ान की तैयारियों में जुट गए है। अभियान को सरकार फरवरी के प्रथम सप्ताह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले शुरू करने का प्रयास कर रही है।गहलोत सरकार 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान में शहरी लोगों को देगी राहत

धारीवाल ने अभियान को लेकर बैठक में शहरों से जुड़ी समस्याओं को समाधान करने के निर्देश दिए है। स्वायत्त शासन विभाग की पूरी मशीनरी इस अभियान को शुरू करने के लिए नियम कायदों को खंगाल रही है ताकि हाईकोर्ट के आदेशों की पालना भी हो जाए और जनता के अटके हुए काम भी निकल जाए। इसके लिए नियमों में छूट और अभियान शुरू करने की प्रस्तावित तिथि को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है । इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा । वहां से मंजूरी मिलने के बाद अभियान शुरू किया जाएगा । धारीवाल का दावा है कि इससे जनता को खासा लाभ मिलेगा।

पिछली बार 11 लाख भूखण्डों के ले-आउट प्लान स्वीकृत किए गए थे

पिछली अशोक गहलोत सरकार में जब यह अभियान शुरू किया गया था तब 11 लाख भूखण्डों के ले-आउट प्लान स्वीकृत किए गए थे। इसमें से तब अभियान के दौरान महज 5 लाख पट्टे ही दिए गए थे. मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार उनकी सरकार के पिछले कार्यकाल के समय जितने भूखण्डों के ले-आउट प्लान स्वीकृत किए गए, उनमें से 6 लाख भूखण्डों के पट्टे दिए जाना शेष है । इस आधार पर यह तय है कि फरवरी से संभावित प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत प्रारंभिक चरण में 6 लाख पट्टे जाएंगे। अभियान के तहत हाईकोर्ट के आदेश्के तहत जोनल डवलपमेंट प्लान बनाकर कृषि भूमि पर विकसित हुई कॉलोनियों का नियमन किया जाएगा ।  

Back to top button