गर्मी में जरुर करें इन 5 चीजों का दान, जल्द मिलेगा फल…

गर्मियों के इस मौसम में तापमान लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं और सूर्य की यह चिलचिलाती गर्मी परेशान करने लगी हैं। इस गर्मी में लोग सभी साधन होने के बावजूद परेशान हो रहे हैं तो उन लोगों का क्या होगा जिनके पास इससे बचाव के साधन नहीं हैं। ऐसे में गर्मियों के दिनों में आपका किया कुछ चीजों का दान दूसरों की सहायता तो करता ही हैं लेकिन आपको इसके फल अगले जन्म तक भी मिलते रहते हैं। तो आइये जानते हैं उन चीजों के बारे में जिनका दान इस चिलचिलाती गर्मी में जरूर करना चाहिए।

वंश और सुख की वृद्धि

शास्त्रों में कहा गया है कि फल का दान सुख और धनदायक होता है। ग्रीष्म काल में सभी जीव सूर्य के ताप से कष्ट में रहते हैं फलों का रस सूर्य के ताप से होने वाले कष्ट को कम करता है और सुख देता है। इसलिए ग्रीष्म काल में फलों का दान खास तौर पर रसीले फलों का दान बहुत ही उत्तम माना गया है। इन दिनों फल देने वाले वृक्षों को जल देना और उनकी सेवा करना पितरों की सेवा करना माना गया है। इससे पितृगणों की कृपा प्राप्त होती है जिससे वंश की वृद्धि होती है और सुख प्राप्त होता है।

ऐसे लोग होते हैं छत्रधारी

गर्मी के महीने में छत्र का दान यानी छाते का दान करने के लिए शास्त्रों में कहा गया है। इस मौसम में छाते का दान जरूरतमंदों को दिया जाए तो यह बहुत ही सुखकारी माना गया है। छाता दान लेना वाला छाता लेकर जितने कदम धरती पर चलता है व्यक्ति का यश उतना ही बढ़ता है। अगले जन्म में व्यक्ति छत्रधारी यानी समाज में वरिष्ठ सम्मानित व्यक्ति होता है। प्राचीन काल छत्रधारी राजा और सामंत माने जाते थे। मृत्यु के बाद छाता दान करने वाले को यम के दूत सम्मान पूर्वक यममार्ग पर लेकर जाते हैं।

चंदन का दान और लेपन करने का लाभ

ग्रीष्म काल में चंदन का लेपन ताप को दूर करता है। इसलिए इन दिनों में चंदन की लकड़ी का दान करना चाहिए। अगर दान नहीं कर सकते तो नियमित अपने ईष्ट देव को चंदन का लेपन करें। इससे देवता की कृपा प्राप्त होती है जिसे सुख और आनंद में वृद्धि करने वाला माना गया है।

अगले जन्म में होते हैं धनवान

घर के बाहर पानी का मटका और ग्लास रख दीजिए जिससे प्यासे मुसाफिरों को जल आसानी से मिल जाए। मटकी के अलावा अगर हो सके तो घर के बाहर टब में पानी भरकर रख दीजिए ताकि प्यासे जीव जंतु को जल मिल जाए। पुराणों कथा मिलती है कि जो व्यक्ति गर्मी के दिनों में प्सासे जीवों के लिए जल की व्यवस्था करता है उसे कई पाप यम देवता क्षमा कर देते हैं। जो गाय के लिए जल की व्यवस्था करता है वह स्वर्ग में स्थान पाता है और अगले जन्म में धनवान होता है।

यममार्ग में नहीं जलाते सूर्यदेव

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि यममार्ग बहुत ही कष्टकारी है। इस मार्ग एक साथ कई सूर्य चमकते हुए नजर आते हैं। रास्ते तांबे जैसे तपे हुए रहते हैं। जो व्यक्ति गर्मी के दिनों में जरूरतमंदों को जूते चप्पलों का दान करता है उसे यम मार्ग के तपे हुए रास्ते भी शीतल जान पड़ते हैं। नौतपा को दौरान जो 25 मई से आरंभ हुआ है और 2 जून तक रहने वाला है इस बीच इनका दान बहुत ही कल्याणकारी माना गया है।

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