गर्भावस्था के दौरान इस वजह से कम हो जाती है आंखों की रौशनी, जानें इसका इलाज

गर्भावस्था में एक महिला की जिंदगी बहुत सारी परेशानियो से गुजरती है। और इस समय महिला के शरीर में कई बदलाव देखने मिलते है जिस तरह गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में तमाम बदलाव होते हैं। लेकिन कुछ बदलाव समान्य नहीं होते है। जैसे की आंखों से धुंधला नजर आना। हालांकि डिलेवरी के बाद ये समस्या खुद ब खुद खत्म भी हो जाती है, लेकिन पूरी प्रेग्नेंसी से ये समस्या बनी रहती है। जिससे घबराहट होना लाजमी है।गर्भावस्था के दौरान इस वजह से कम हो जाती है आंखों की रौशनी, जानें इसका इलाज

प्रेग्नेंसी ब्लरी विजन यानी धुंधला दिखने पर घबराएं नहीं बल्कि अपनी डॉक्टर से इस समस्या पर डिस्कस करें। आइए आपको बताते हैं क्यों होती है प्रेग्नेंसी में नजर धुंधली और क्या हैं इससे बचने के टिप्स। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव का असर कई बार आंखों पर भी पड़ता है। कई बार प्रेग्नेंसी में शरीर में खून का संचार और तरल पदार्थ ज्यादा बनते हैं। धुंधलेपन का कारण भी ये तरल पदार्थ ही होते है।

# प्रेग्नेंसी में शिशु के विकास के लिए शरीर में तरल पदार्थ तेजी से बनते हैं इससे आंखों के लेंस और कार्निया मोटे हो जाते हैं और जिसके कारण आईबॉल पर दबाव पड़ता है। कई बार ये हाई बीपी के कारण भी होता है। प्रेग्नेंसी में हाई बीपी होना भी आम समस्या है।

# प्रेग्नेंसी में वैसे भी कांटेक्ट लेंस का यूज नहीं करना चाहिए और अगर धुंधलेपन की दिक्कत आ रही हो तो उस स्थिति में तो बिलकुल भी इसका इस्तेमाल न करें।

# डिलेवरी के बाद वैसे तो ये समस्या खुद ब खुद सही हो जाती है लेकिन अगर दिक्कत लगे तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

# प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज और न्यूट्रिशन्स का ध्यान जरूर रखें। कई बार न्यूट्रिशन्स की कमी के कारण भी कई समस्याएं आती हैं।

# यदि आपकी आंखें प्रसव होने के 6-7 महीने बाद तक अगर दिक्कत बनी रहे तो कई बार सर्जरी की भी जरूरत पड़ जाती है। हालांकि ये बहुत ही सामान्य प्रक्रिया होती है।

Back to top button