गजब! एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर होते ही गर्भवती हो गईं 82 शिक्षिकाएं

 ट्रांसफर पर बरेली आईं 410 शिक्षिकाओं में से 82 गर्भवती हो गई हैं। चौंकिये मत, यह हम नहीं खुद शिक्षिकाएं कह रही हैं। दरअसल शहर से सटे हुए स्कूल में तैनाती के लिए गर्भवती होने का बहाना नम्बर एक पर चल रहा है। 

 पिछले दिनों 410 महिला और 5 पुरुष शिक्षक 

अंतर जनपदीय ट्रांसफर के बाद बरेली आये थे। काउंसलिंग के बाद सभी को स्कूल आवंटित कर दिए गए। नियमों के अनुसार दूरदराज के खाली पड़े स्कूलों में ही इनकी तैनाती की गई। दूर के स्कूलों में तैनाती होते ही नजदीक के स्कूल पाने की जंग शुरू हो गई। स्कूल बदलने के सम्बंध में अभी तक लगभग 250 आवेदन बीएसए दफ्तर में आ चुके हैं। बदलाव के लिए शिक्षिकाओं ने विभिन्न कारण बताए हैं। सबसे ज्यादा 82 शिक्षिकाओं ने गर्भवती होने के कारण पास के स्कूलों में तैनाती की मांग की है। खुद बीएसए भी इन आवेदनों को देखकर चक्कर में पड़ गई है।

32 को हो गई रीढ़ सम्बन्धी दिक्कत 

नई तैनाती के लिए बताए गए कारणों में दूसरे नम्बर पर रीढ़ सम्बन्धी दिक्कत है। अभी तक 32 शिक्षिकाओं ने इस कारण से पास के स्कूल में तैनाती मांगी हैं। दर्जन भर शिक्षिकाओं को अपने बूढ़े सास ससुर की भी चिंता सता रही है। तो कुछ दूधमुंहे बच्चों की खातिर घर के पास तैनाती चाहती हैं। कुछ ही आवेदन ऐसे हैं जिसमें साफ साफ लिखा है कि वो दूरी के कारण सम्बंधित स्कूल में जॉब नहीं कर पाएंगी।

राजनेताओं की सिफारिश का लगा अंबार

अगल बगल के स्कूलों में तैनाती के लिए सिफारिशों का भी अम्बार लगा हुआ है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, सांसद धर्मेंद्र कश्यप, विधायकों के साथ साथ एमएलसी जयपाल व्यस्त तक के सिफारिशी पत्र आ रहे हैं।

बहानाबाजों की संख्या ज्यादा

बीएसए तनुजा मिश्रा ने कहा कि कोई भी दूर के स्कूल में जाना नहीं चाह रहा है। ऐसे में आखिर वहां कैसे पढाई होगी। 60 फीसदी महिलाओं ने तो गर्भवती होने का हवाला दिया है। इनमें बहानेबाज ज्यादा लग रहे हैं। झूठ-सच की पहचान कर वास्तव में जिसकी बात सही होगी, उस पर ही मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लिया जाएगा।

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