खुश हो गई रानी, ये है पिज्जा के मशहूर होने की कहानी
रानी आईं थीं। शेफ ने उनके सम्मान में एक पिज्जा पेश किया। स्वाद बेमिसाल और शक्ल सूरत भी ठीक-ठाक। जब रानी वापस अपने राजमहल पहुंची, तो शेफ को लिखी एक चिट्ठी और उस पिज्जा को अपना नाम दे दिया।
बड़े हों या छोटे बच्चे, पिज्जा के शौकीन सभी होते हैं। यह इतालवी रोटी जो खूब चीज से भरी होती है और सब्जियों से सजी होती है, कब हर घर की पसंद हो गई, पता ही नहीं चला। डोमिनोज और पिज्जा हट जैसे अन्य छोटे-मोटे पिज्जा बेचने वाले भी अब हर गली में नजर आने लगे हैं, जो भले ही खाने में उतना स्वादिष्ट न हो, लेकिन सस्ता जरूर होता है।
वहीं, मासांहारी हो या शाकाहारी, अपनी पसंद की टॉपिंग्स के साथ जितना चाहो, उतना मजा लो। दुनिया भर में पिज्जा की टॉपिंग स्थानीय लोगों की पसंद के अनुसार बदलती रहती है। पिज्जा मेकर्स लोगों की दिलचस्पी को देखते हुए हर तरह की टॉपिंग प्रयोग कर चुके हैं, जिनमें पीनट बटर, जैली, अंडे और मसले आलू तक शामिल हैं
अमेरिकी डेरी एसोसिएशन द्वारा करवाए गए एक सर्वे के अनुसार, पिज्जा अमेरिका का चौथा सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला खाद्य पदार्थ है। दुनिया का पहला पिज्जेरिया (जहां पिज्जा बनते हैं), पोर्ट एल्बा, 1830 में खुला था। उस वक्त पिज्जा जिस ओवन में पकाए जाते थे, उसके किनारों में स्थानीय ज्वालामुखी से लाया गया लावा भरा होता था। इसके साथ ही मार्गेरिटा पिज्जा, जो सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, की अपनी एक कहानी है।
कहा जाता है कि वर्ष 1889 में सेवॉय की रानी मार्गेरिटा इटली के नेपल्स का दौरा करने आई थीं। इस दौरान जब उनके लिए व्यंजन बनाए गए, तब पिज्जेरिया के शेफ रफेल एस्पोसिटो और उनकी पत्नी ने रानी के सम्मान में एक पिज्जा बनाया। इसे उन्होंने इटली के ध्वज के रंगों से मिलती-जुलती टॉपिंग्स से सजाया, जिसमें लाल (टमाटर), सफेद (मोजेरेला चीज) और हरा (तुलसी) रंग शामिल थे। उस समय मोजेरेला चीज को गाय के दूध से बनाया जाता था।