खरीदने जा रहे हैं गोल्ड तो अभी थोडा और करिए इंतजार, पाएंगे फायदा

देश भर में शादियों का सीजन एक हफ्ते पहले शुरू हो चुका है। शादियों में सबसे पहले गोल्ड ज्वैलरी खरीदने के लिए ही लोगों की भीड़ रहती है। लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। पिछले हफ्ते डिमांड न होने के कारण ज्वैलरी मार्केट सुस्त पड़ा हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्वैलर्स डिमांड न होने के बावजूद ज्वैलरी पर प्रीमियम चार्ज कर रहे हैं।
देश भर में शादियों का सीजन एक हफ्ते पहले शुरू हो चुका है। शादियों में सबसे पहले गोल्ड ज्वैलरी खरीदने के लिए ही लोगों की भीड़ रहती है। लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। पिछले हफ्ते डिमांड न होने के कारण ज्वैलरी मार्केट सुस्त पड़ा हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्वैलर्स डिमांड न होने के बावजूद ज्वैलरी पर प्रीमियम चार्ज कर रहे हैं।  फेस्टिव सीजन की शुरुआत में ही गोल्ड के दाम 29 हजार रुपये के स्तर पर आ गए हैं, हालांकि खुदरा बाजार में सोना अभी भी 30 हजार के स्तर पर चल रहा है।  बढ़ाई लीमिट, लेकिन जोश नहीं गोल्ड ज्वैलरी के बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार ने ज्वैलरी खरीदने पर पैन कार्ड देने की सीमा को 50 हजार रुपये से दो लाख रुपये करने से इसमें उछाल आने की संभावना थी, लेकिन फिलहाल ऐसा दिख नहीं रहा है।  पढ़ें- धनतरेस पर ज्वैलर्स का ये खास ऑफर, EMI पर दे रहे ज्वैलरी  दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल के मुताबिक जीएसटी से पहले दिल्ली के बुलियन बाजार में हर रोज 200 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता था। जीएसटी के बाद इसमें 75 फीसदी की गिरावट आई थी।  आयात बढ़ा, लेकिन सोने की डिमांड कम गोल्ड कारोबारी तरुण जैन ने amarujala.com से बात करते हुए बताया कि शादियों के सीजन में इस पहले हफ्ते में सोने की चमक फीकी रही है। आगे कई कारणों के चलते लोग सोना खरीदेंगे तो लेकिन उतनी सेल नहीं होगी, जितनी पहले होती थी।  पहली छमाही (जनवरी-जून) में आयात 532 टन था, जबकि मांग अभी भी 298 टन रही। दरअसल जीएसटी से पहले लोग जितना ज्यादा आयात कर सकते थे उतना किए, लेकिन उस हिसाब से मांग नहीं बढ़ी। इन कारणों से पड़ेगा असर    तरुण जैन ने कहा कि सरकार द्वारा गोल्ड खरीदने पर नियमों को काफी सख्त कर दिया गया है। नोटबंदी के बाद से सरकार की नजरें गोल्ड खरीदने-बेचने वालों पर नजर है। टैक्स अधिकारी हर खरीद और बिक्री का हिसाब-किताब रख रहे हैं।   3 फीसदी लग रहा है जीएसटी सरकार ने गोल्ड-सिल्वर की खरीद और बिक्री पर 3 फीसदी जीएसटी लगा दिया है। इससे टैक्स लगने लगा है। 3 फीसदी जीएसटी, इंपोर्ट ड्यूटी और मेकिंग चार्ज के चलते सोने पर पर लोगों को 18 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा है, जिससे सोने की डिमांड पर असर पड़ा है।
फेस्टिव सीजन की शुरुआत में ही गोल्ड के दाम 29 हजार रुपये के स्तर पर आ गए हैं, हालांकि खुदरा बाजार में सोना अभी भी 30 हजार के स्तर पर चल रहा है।

बढ़ाई लीमिट, लेकिन जोश नहीं
गोल्ड ज्वैलरी के बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार ने ज्वैलरी खरीदने पर पैन कार्ड देने की सीमा को 50 हजार रुपये से दो लाख रुपये करने से इसमें उछाल आने की संभावना थी, लेकिन फिलहाल ऐसा दिख नहीं रहा है।

दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल के मुताबिक जीएसटी से पहले दिल्ली के बुलियन बाजार में हर रोज 200 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता था। जीएसटी के बाद इसमें 75 फीसदी की गिरावट आई थी।

आयात बढ़ा, लेकिन सोने की डिमांड कम
गोल्ड कारोबारी तरुण जैन ने amarujala.com से बात करते हुए बताया कि शादियों के सीजन में इस पहले हफ्ते में सोने की चमक फीकी रही है। आगे कई कारणों के चलते लोग सोना खरीदेंगे तो लेकिन उतनी सेल नहीं होगी, जितनी पहले होती थी।

पहली छमाही (जनवरी-जून) में आयात 532 टन था, जबकि मांग अभी भी 298 टन रही। दरअसल जीएसटी से पहले लोग जितना ज्यादा आयात कर सकते थे उतना किए, लेकिन उस हिसाब से मांग नहीं बढ़ी।

इन कारणों से पड़ेगा असर

तरुण जैन ने कहा कि सरकार द्वारा गोल्ड खरीदने पर नियमों को काफी सख्त कर दिया गया है। नोटबंदी के बाद से सरकार की नजरें गोल्ड खरीदने-बेचने वालों पर नजर है। टैक्स अधिकारी हर खरीद और बिक्री का हिसाब-किताब रख रहे हैं। 

3 फीसदी लग रहा है जीएसटी
सरकार ने गोल्ड-सिल्वर की खरीद और बिक्री पर 3 फीसदी जीएसटी लगा दिया है। इससे टैक्स लगने लगा है। 3 फीसदी जीएसटी, इंपोर्ट ड्यूटी और मेकिंग चार्ज के चलते सोने पर पर लोगों को 18 फीसदी टैक्स देना पड़ रहा है, जिससे सोने की डिमांड पर असर पड़ा है। 

 
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