क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 80 करोड़ का लगाया चूना, विश्वास जीतने के लिए अपनाया ये हथकंडा

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी के नाम पर सैकड़ों लोगों से 80 करोड़ की ठगी के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान आजमगढ़ (यूपी) निवासी रोहित कुमार के रूप में हुई है। रोहित ने अपने साथियों के साथ मिलकर जुलाई 2017 में वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी के नाम पर मनी ट्रेड कॉइन लांच किया था। मनी ट्रेड कॉइन में निवेश करने पर मोटे मुनाफे का झांसा दिया गया। आरोपियों ने तीन यूएस डॉलर के निवेश पर कुछ दिन में उनकी कीमत 2500 यूएस डॉलर होने का झांसा दिया। तीन आरोपियों को महाराष्ट्र पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी डॉ. अमित लखन पाल फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 80 करोड़ का लगाया चूना, विश्वास जीतने के लिए अपनाया ये हथकंडा

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डॉ. अजीत कुमार सिंगला ने बताया कि 31 दिसंबर, 2018 को दिल्ली निवासी संतोष कुमार ने 21 लाख से अधिक की ठगी का आरोप लगाया था। धीरे-धीरे कर कई शिकायतकर्ता सामने आ गए। पीड़ितों ने बताया कि रोहित कुमार, डॉ. अमित लखन पाल, राजेंद्र कुमार शाह व अन्य ने सोशल मीडिया व निजी बुलावा देकर उन्हें कार्यक्रम में बुलाया। दिल्ली, मुंबई और देश के कई शहरों के अलावा दुबई में इन लोगों ने पांच सितारा होटलों में कार्यक्रम आयोजित किए।

इन लोगों ने अपनी निवेश योजना के बारे में बताया। इनके प्लान के मुताबिक वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी लांच की गई, जिसका नाम मनी ट्रेड कॉइन रखा। कंपनी का नाम फिलिंसटोन टेक्नोलॉजिज रखा गया। कार्यक्रम में लोगों का विश्वास जीतने के लिए इन लोगों ने एक शख्स से वित्त मंत्रालय के एक सदस्य के फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बंटवाए। कंपनी का दफ्तर जीवनदीप बिल्डिंग, संसद मार्ग और इंग्लैंड के नॉथिंगम शहर में बताया गया। निवेशकों से मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) करने पर दो फीसदी मुनाफा कमाने के लिए कहा गया।

देश और विदेशों के सैकड़ों लोगों ने करीब 80 करोड़ रुपये इनकी वर्चुअल करेंसी में निवेश कर दिए, लेकिन जब उनको अपने निवेश का लाभ नहीं मिला, तो मामले की शिकायत पुलिस से कर दी। ठगी का पता चलते ही अपराध शाखा ने फौरन मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
मामले में रोहित कुमार नामक आरोपी को बुराड़ी स्थित उसके घर से दबोच लिया। रोहित ने बताया कि उनके गैंग के तीन सदस्यों सचिन शैलर, विक्रम मंघेड़ा और ताह कौजी को महाराष्ट्र पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पूरी ठगी का मास्टर माइंड डॉ. अमित लखन पाल करोड़ों रुपये लेकर फरार है। अपराध शाखा की टीम ने उसकी तलाश शुरू कर दी है।

क्या है वर्चुअल करेंसी
वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है। आभासी मतलब अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है। यह एक डिजिटल करेंसी है। इस करेंसी को न तो आप देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिक स्टोर होती है। बिटकॉइन भी वर्चुअल करेंसी की तरह होती है।

नौकरी छोड़कर करने लगा जालसाजी
आरोपी रोहित कुमार ने 12वीं कक्षा आजमगढ़ के स्कूल से की थी। इसके बाद इसने पूर्वांचल विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। 2007 में यह दिल्ली आ गया। यहां इसने कई नामी कंपनियों में नौकरी की। इसके बाद जुलाई 2017 में इसने नौकरी छोड़ दी। यह वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी के कारोबार से डॉ. अमित लखन पाल के साथ जुड़ गया।

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