क्या मुख्यमंत्री रात को पुलिस प्रमुख के साथ बात नहीं कर सकता: पूर्व DGP सैनी का सवाल

क्या DGP अमन-कानून की स्थिति को लेकर आधी रात को मुख्यमंत्री और पुलिस अफसरों के साथ बात नहीं कर सकता। क्या जनहित में किसी अधिकारी को एक जगह से दूसरी जगह पर स्थिति संभालने के लिए नहीं भेजा जा सकता? यह तीखे सवाल अपने विरोधियों को जवाब देते हुए पूर्व DGP सुमेध सिंह सैनी ने किए हैं।क्या मुख्यमंत्री रात को पुलिस प्रमुख के साथ बात नहीं कर सकता: पूर्व DGP सैनी का सवाल

उल्लेखनीय है कि बहिबलकलां व कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही SIT ने उन्हें पूछताछ के लिए 25 फरवरी का समन जारी किया हुआ है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहिबलकलां में सिख प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के दौरान चलाई गोली में दो युवकों की मौत हो गई थी।

सैनी ने कहा कि कि सच्चाई का पता लगाने के बजाय दोनों दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का सियासीकरण किया जा रहा है। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों पर गोली चलाने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। कोटकपूरा में हालात पर काबू पाने के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने आदेश दिए थे। बहिबलकलां में अचानक घटी घटना के मौके पर कोई कार्यकारी मजिस्ट्रेट नहीं था। बहिबलकलां में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में घटी घटना का मुझे आधे घंटे बाद पता लगा। कोटकपूरा में जो कुछ भी हुआ उसका विवरण तो वीडियो में भी है।

40 पुलिस मुलाजिम हुए थे घायल

सैनी ने बताया कि कोटकपूरा प्रशासन की तरफ से संगत को बातचीत करके वहां से बस से हटाया जा रहा था। इसी दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिस बीच टकराव शुरू हो गया। उस समय 40 पुलिस मुलाजिम और दस प्रदर्शनकारी ज़ख्मी हुए थे। तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रण करने में पुलिस को सख्ती करनी पड़ी।

DGP किसी भी अधिकारी को कहीं भी भेज सकता है

एक सवाल के जवाब में सैनी ने बताया कि फरीदकोट, कोटकपूरा और बहिबलकलां में दूसरे जिलों से पुलिस मुलाजिमों और अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जनहित में भेजा गया था। फरीदकोट पुलिस के पास जवान कम थे। DGP के पास यह अधिकार है कि वह जनहित में किसी भी अधिकारी को कहीं भी भेज सकता है। अकेले IG परमराज उमरानंगल को नहीं बल्कि और भी IG, DIG व ADGP रैैंक के अधिकारी भेजे गए थे।

तनावपूर्व हालात में क्या मैैं मोबाइल बंद करके सो जाता

सैनी ने कहा कि तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रण करने को लेकर मैैंने अपनी ड्यूटी निभाते हुए तब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अलावा IG परमराज उमरानंगल, ADGP, ज़ोनल IG और अन्य अधिकारियों के साथ भी कई बार बातचीत की। जो सियासी आरोप लगाए जा रहे हैैं कि मैैंने रात दो बजे मुख्यमंत्री के बात क्यों की? लोगों को क्या पता, क्या कानून के मुताबिक एक DGP और मुख्यमंत्री रात को बात नहीं कर सकते? वह भी ऐसे समय में जब प्रदेश में हालात तनावपूर्ण हों। आप बताओ क्या ऐसे समय में मैैं अपना मोबाइल बंद करके सो जाता।

वोट हासिल करने को की जा रही सियासत

एक सवाल के जवाब में सैनी ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश नहीं दिए गए थे। सियासत के लिए यह कह देना कि गोलियां शांत बैठे लोगों पर गोली चलाई गई, पूरी तरह गलत है और यह प्रदेश के हित में नहीं है। सियासी लाभ के लिए सरकार यह सिद्ध करने में लगी है कि बहिबलकलां व कोटकपूरा में प्रदर्शनकारी शांत बैठे थे। वोट हासिल करने के लिए सियासत की जा रही है।

सरकार बनने के एक साल तक कुछ क्यों नहीं किया?

सैनी ने कहा कि प्रदेश में सरकार बदलने के एक साल बाद तक तो कुछ नहीं किया गया। फिर अचानक जस्टिस (रिटा.) रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पेश होते ही नेताओं ने सभी असली तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना शुरू कर दिया। इससे यह सिद्ध होता है कि सच्चाई दबाते हुए लोगों को गुमराह किया जा रहा है। IG उमरानंगल की गिरफ्तारी सियासी हित पूरे करने के लिए की गई है। गिरफ्तारी की मांग तो कांग्रेस के कुछ मंत्री जांच शुरू होने से पहले ही कर रहे थे।

सैनी बोले

  • शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने नहीं चलाई गोली
  • IG परमराज उमरानंगल समेत कई अफसरों को मैंने भेजा था
  • जांच में पूरा सहयोग करूंगा, उमरानंगल को गिरफ़्तार करना पूरी तरह गलत
  • कोटकपूरा घटना के सभी सबूत वीडियो में मौजूद हैं।
  • बहिबलकलां के मृतकों के परिवारों के साथ मेरी पूरी हमदर्दी।
  • पुलिस ने बड़ी संवेदनशीलता के साथ हालात पर काबू पाने की कोशिश की थी।
  • कोटकपूरा जैसी कार्रवाई पूरे पंजाब में बहुत स्थानों पर हुई थी।
  • मुझे गिरफ़्तार करन की मंशा कानून से ऊपर नहीं
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