कॉर्पोरेट और पॉलिटिक्स का कॉकटेल बनाने वाले CEO की कहानी

जुबली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस पार्टी अक्सर केंद्र की मोदी सरकार पर कॉर्पोरेट घरानों से सांठगांठ का आरोप लगाती है लेकिन खुद कांग्रेस नेता किस तरह एक विदेशी कंपनी के सीईओ के झांसे में आकर देश विरोधी करतूत कर गए, जिसका अब खुलासा हुआ है।
दरअसल ब्रिटेन की स्मार्ट मीटर कंपनी ‘स्यान कोन्नोड़’ और सरकारी अधिकारियों के बीच लम्बे समय से एक विवाद जारी है। इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई थी नवम्बर 2019 में ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर में स्मॉर्ट मीटर इंस्टॉल करने का टेंडर घोषित करने के साथ।
ये टेंडर पहले स्यान कोन्नोड़ कंपनी को देने की चर्चा थी लेकिन किन्ही कारणों के चलते इस स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट का काम भारत की ही एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी टेक्नो को दे दिया गया।
इसके बाद स्यान कोन्नोड़ इंडिया हेड अनिल धौलानी ने सरकार को बदनाम करने के लिए एक बड़ी साजिस रची और अपने पॉलिटिकल सम्बन्धों का फायदा उठाते हुए इस मुद्दे को भारतीय सुरक्षा और चीन के साथ तनाव से जोड़ दिया।
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एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि, अनिल धौलानी ने कांग्रेस के नेताओं को समझाया कि, यह मुद्दा उन्हें राजनीतिक लाभ देगा साथ ही मोदी सरकार की छवि ख़राब करने का मौका भी देगा।

बता दें कि धौलानी यह साबित करना चाहता था कि, स्मॉर्ट मीटर इंस्टॉल करने का टेंडर जिस भारतीय कम्पनी टेक्नो को दिया गया हैं उसने ये काम आगे एक चायनीज़ कम्पनी को आउट्सॉर्स किया जिसका नाम डोंगफ़ेंग हैं।
उसने यह भी दावा किया कि जिन स्मार्ट मीटर को जम्मू-कश्मीर की वादियों में इंस्टॉल किया गया हैं उसका पूरा कंट्रोल चीन के पास है और चीन जब चाहे जब कश्मीर की वादियों में ब्लैकाउट कर सकती हैं।
धौलानी ये सब प्रचार जिस समय कर रहे थे उसी समय भारत और चीन के बीच तनाव भी चरम पर था ऐसे में जम्मू -कश्मीर जैसे राज्य में चीनी कंपनी को काम मिलना जाहिर सी बात है केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा था। बस फिर क्या कांग्रेस के प्रवक्ता से लेकर नेताओं ने तक इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया और मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया।
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जैसे ही यह मामला तूल पकड़ने लगा तो फ़ौरन सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और जम्मू-कश्मीर से चीनी कंपनी को बाहर करने का निर्णय लिया गया। इस तरह सीईओ अनिल धुलानी ने अपना बदला ले लिया और अपने पॉवर को दिखाया।
हालांकि हाल ही में विकास मंत्रालय में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी लक्ष्मन ने कहा कि ”धुलानी के आरोप बेबुनियाद हैं क्योंकि उनकी कंपनी सियान कोनोड को इस परियोजना में तकनीकी कारणों से काम नहीं मिल सका इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने अपने व्यक्तिगत एजेंडे को आगे किया है, विभाग चाहता है कि जितनी ज़्यादा कम्पनियाँ भाग लेती हैं सरकार को उतना ही गुणवत्ता वाले लोग सैलेक्ट करने में आसानी होती है। हम भारत सरकार के सभी मानकों के अनुसार ही कम्पनी का सैलेक्शन करते हैं।”
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