कैफ क्यों खुद को समझने लगे थे अमिताभ

जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मोहम्मद कैफ का क्रिकेट करियर भले की ज्यादा बड़ा नहीं रहा हो लेकिन उनका कद भारतीय क्रिकेट किसी स्टार खिलाड़ी से कम नहीं है। दादा की टीम में कैफ और युवी ऐसे ही खिलाड़ी थे जिनके बल पर भारतीय टीम ने कई मुकाबलों में जीत दर्ज की थी लेकिन बाद में दोनों ही खिलाडिय़ों को खासकर कैफ को टीम से बाहर कर दिया गया था। कैफ के बल्ले ने खामोशी की चादर ओढ़ ली थी। इस वजह से उनको टीम से आउट कर दिया गया था। इतना ही नहीं रणजी में शानदार प्रदर्शन के बावजूद कैफ को दोबारा टीम इंडिया में इंट्री करने का मौका नहीं दिया गया।
कैफ व युवी ने मिलकर आज ही दिन यानी 13 जुलाई को लॉड्स के ऐतिहासिक मैदान पर शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए भारत को नेटवेस्ट सीरीज खिताब दिलाया था। इस जीत के आज 18 साल पूरे हो गए है। कहा जाता है कि इसी जीत के बाद से भारतीय क्रिकेट पूरी तरह से बदल गई थी। कैफ और युवी भी इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद से स्टार बनकर सामने आए थे। इंग्लैंड ने कभी सोचा भी नहीं था कि 326 रन बनाने के बाद भी उसे हार का मुंह देखना पड़ेगा।

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कैफ ने इस जीत को याद करते हुए एक अंग्रेजी अखबार में आर्टिकल लिखा है और बताया कि उस दिन आखिर कैसे भारत जीता और जीत के बाद अपने घर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया था। कैफ ने बताया कि भारत ने जब सचिन का विकेट खो दिया था सबने टीवी को बंद कर दिया था और साथ में मान लिया था कि टीम इंडिया को बुरी हार झेलनी पड़ेगी।
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इतना ही नहीं कैफ के घर वालों ने टीवी बंदकर फिल्म देवदास देखने के लिए चले गए थे लेकिन बाद में पूरा गेम पलट गया था और भारत ने इंग्लैंड को उसी की धरती पर धूल चटाकर रख दी थी। इस जीत में इलाहाबाद के मोहम्मद कैफ रातों-रात नये भारतीय क्रिकेट के नये सितारे के रूप में सामने आए थे।

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दबाव में उनका खेल बेहद शानदार था। जिस विकेट पर सचिन-सौरभ, वीरू और टीम इंडिया की दीवार के नाम से मशहूर राहुल द्र्रविड़ जैसे बड़े खिलाड़ी इंग्लैंड के गेंदबाजों के आगे बेबस नजर आए थे लेकिन कैफ-युवी ने उन्हीं गेंदबाजों की जमकर खबर ली थी।
इस ऐतिहासिक जीत के बाद कैफ जब अपने घर यानी इलाहाबाद पहुंचते थे उनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेकरार थे। इतना ही नहीं करीब पांच से छह किलोमीटर का सफर भी चार घंटे में तय हुआ था। उस दिन को याद करते हुए कैफ बताते हैं कि लोग सड़कों के दोनों ओर लाइन लगाकर खड़े थे। लोग नारे लगा रहते थे और हर कोई उनसे हाथ मिलाना चाहता था। कैफ खुली जीप में थे और लोग उनसे हाथ मिलाना चाहते थे।

जब वह स्टेशन से बाहर निकले तो सड़क के दोनों ओर लोग फूल-मालाएं लेकर खड़े हुए थे। उन्होंने कहा, कि लोग नारे लगा रहे थे। जब मैं छोटा था तो मैंने अमिताभ बच्चन को चुनाव जीतने के बाद अपने गृह नगर (इलाहाबाद) में यूं खली जीप में घूमते देखा था। उस दिन, मुझे ऐसा लगा जैसे मैं अमिताभ बच्चन हूं।
बता दें कि साल 2002 में भारत और इंग्लैंड के बीच नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल खेला गया था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 326 रन का मजबूत स्कोर बनाया था। जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत शानदार हुई थी लेकिन बाद में उसके पांच विकेट 146 रन पर निकल गए थे। इसके बाद युवी और कैफ ने 121 रन की साझेदारी करके भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिला थी। कैफ ने नाबाद 87 रन बनाये जबकि युवी ने 69 रन बनाये थे।

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