कैप्टन की किसानों से अपील- ‘हम आपका मामला देख रहे हैं, सुसाइड मत कीजिए’

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऋणग्रस्त किसानों से से अपील की कि वे सुसाइड न करें। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही किसानों की जमीनों की कुर्की पर रोक लगा चुकी है। कर्ज माफी का भी वादा किया है। इसके बावजूद पिछले महीने 21 किसानों ने आत्महत्या की है। इसका मतलब सरकार की बात उन तक पहुंच नहीं पा रही है। उन्होंने दोहराया कि इंडस्ट्री को वादे के मुताबिक जल्द ही इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाएगी।
कैप्टन की किसानों से अपील- 'हम आपका मामला देख रहे हैं, सुसाइड मत कीजिए'
कैप्टन मंगलवार को पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आयोजित इंटरेक्टिव सत्र के दौरान राज्यभर से आए उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं पर चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह के कदम मत उठाइए, हम देख रहे हैं, यहां हम आपके लिए हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि सरकार कर्ज माफी के वादे से पीछे नहीं हटेगी। कर्ज माफी की रूपरेखा तैयार करने को एक्सपर्ट कमेटी पहले ही बना दी गई है। इसलिए किसान आत्महत्या न करें।

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सीएम ने राज्य भर से आए उद्यमियों से इंडस्ट्री को पटरी पर लाने को लेकर सुझाव लिए। उन्होंने उद्योगपतियों से कहा है कि सरकार इस समय हजारों करोड़ का पैकेज देने की स्थिति में नहीं है, लेकिन उन्हें गुड गवर्नेंस दिया जाएगा। लालफीताशाही खत्म होगी, औद्योगिक स्वीकृतियों में देरी का मसला सुलझाया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि जल्द ही इंडस्ट्री को वादे के मुताबिक पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि की महत्ता होने के बावजूद यह आर्थिक विकास में उतनी भूमिका नहीं निभा रही, जितनी निभानी चाहिए। पंजाब समेत पूरे देश में पानी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। 

उद्यमियों के प्रमुख सुझाव

मुश्किलों से निकलकर फिर चोटी का सूबा बनेगा
उन्होंने जापान और जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि पंजाब एक बार फिर मुश्किलों से निकल कर चोटी का सूबा बनेगा। वह वित्तीय सहायता का वादा नहीं कर सकते, लेकिन व्यापार का सरल बनाना सुनिश्चित करेंगे। वाजिब दरों पर बिजली मुहैया कराई जाएगी। इस समय तैयार की जा रही औद्योगिक नीति को गंभीरता से लागू किया जाएगा। 

उद्यमियों के प्रमुख सुझाव
– वैट से जीएसटी में बदलने पर सरकार कुछ माह तक रिलेक्सेशन
– फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री पर खास फोकस करना
– जिला उद्योग केंद्रों को सुविधा केंद्रों से जोड़ना
– दप्पर ड्राई पोर्ट को शुरू कराना
– स्टार्ट-अप्स को पांच साल तक जीएसटी से छूट देनी
– इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर विकसित करना
– अमृतसर और लुधियाना में ट्रेड व कन्वेंशन सेंटर की स्थापना

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