केन्या में मिला 40 लाख साल पुरानी प्रजाति के सबसे छोटे बंदर का जीवाश्म

शोधकर्ताओं ने केन्या में दुनिया के सबसे छोटे बंदर के जीवाश्म का पता लगाया है। इसका आकार जंगली खरगोश के जैसा है। माना जा रहा है कि केन्या में लगभग 40 लाख साल पहले इन बंदरों की प्रजातियां वास करती होंगी।

केन्या के राष्ट्रीय संग्रहालय और अमेरिका की अराकंसास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि नैनोपिथेकस ब्राउनी नाम के इन बंदरों का आकार आधुनिक तालपोइन बंदरों जैसा ही रहा होगा, जो विश्व में बंदरों की सबसे छोटी जीवित प्रजाति में से एक है। इसका वजन महज दो से तीन पाउंड ही होता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि ‘तालपोइन’ गुयोन नामक बंदरों के समूह का ही हिस्सा हैं। ये बंदर अफ्रीकी देशों में सर्वाधिक पाए जाते हैं। ‘ह्यूमन इवोल्यूशन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए अध्ययन में बताया गया है कि बंदरों की अधिकांश प्रजातियों का आकार नैनोपिथेकस ब्राउनी से कई गुना बड़ा होता है, जो विश्व के अलग-अलग हिस्सों में घूमते रहते हैं।

तालपोइन केवल पश्चिम मध्य अफ्रीका में रहते हैं और उष्णकटिबंधीय जंगलों तक सीमित हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि नैनोपिथेकस ब्राउनी के जीवाश्म केन्या के पूर्वी क्षेत्र कानापोई में पाए गए। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि दलदले आवासों में रहने के कारण ये बौने हो गए होंगे।

Back to top button