कृषि अध्यादेश के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे पंजाब के किसान, 20 जुलाई मुख्य सड़कों पर खड़े करेंगे अपने ट्रैक्टर
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि अध्यादेश (Agricultural ordinance) के खिलाफ पंजाब के किसान सड़कों पर उतरेंगे। किसान 20 जुलाई को राज्य की सभी मुख्य सड़कों पर अपने ट्रैक्टर खड़े करेंगे। यह रोष प्रदर्शन सुबह दस बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक होगा। यह ऐलान भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने आज यहां किया।
राजेवाल ने कहा कि जब आर्डिनेंस संसद में पास होकर कानून बन जाएंगे तो पंजाब की मंडियां खत्म हो जाएंगी और किसान कार्पोरेट घरानों के रहमोकरम पर छोड़ दिए जाएंगे। राजेवाल ने इन आर्डिनेंस का समर्थन करने के मामले में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा नेताओं को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा अकाली, भाजपा नेता कह रहे हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगी लेकिन अगर गेहूं और धान की खरीद ही सरकार नहीं करेगी तो एमएसपी को रखने का मतलब क्या है?
राजेवाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि मक्की की कीमत केंद्र सरकार ने 1850 रुपये रखी हुई है, लेकिन इस कीमत पर एक दाना भी सरकार ने नहीं खरीदा। मंडियों में मक्की 600 रुपये से 1200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। राजेवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने नए आर्डिनेंस से जहां मंडी की चारदीवारी के बाहर कार्पोरेट घरानों को बिना टैक्स दिए खरीद करने की आज्ञा दे दी है तो मंडियों में खरीद कौन करेगा? प्राइवेट कंपनियां पहले किसानों को ज्यादा पैसे देंगी बाद में जब उनका कब्जा हो जाएगा तो अपनी मनमर्जी के मुताबिक रेट देंगे।
भाकियू के प्रधान ने कहा कि यह दुखद है कि खेती, सेहत और शिक्षा राज्य के विषय होने के बावजूद केंद्र इन पर अपना कब्जा करके बैठा है। जीएसटी लागू करके केेंद्र सरकार टैक्सों की सारी राशि खुद ले जाती है और बाद में राज्यों को अपना हिस्सा लेने के लिए केंद्र के सामने गिड़गिड़ाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों पर बड़ा रोष व्यक्त करना जरूरी है। राजेवाल ने अन्य किसान संगठनों से भी कहा कि वे इस आंदोलन में शामिल हों।