कानपुर पुलिस पर हमला : पूर्व डी जी पी ने उठाए कई ज़रूरी सवाल

महेश चंद्र द्विवेदी, पूर्व पुलिस महानिदेशक , उत्तर प्रदेश 2/3 जुलाई, 2020 की रात्रि जनपद कानपुर नगर के थाना चौबेपुर के ग्राम में कुख्यात अपराधी विकास दुबे को बंदी बनाने गई पुलिस पार्टी, जिसका नेतृत्व क्षेत्राधिकारी कर रहे थे और जिसमें एक दर्जन से अधिक पुलिसवाले थे, पर हुआ प्राणघातक हमला अत्यंत दुखद तो है ही, गम्भीर चिंता का विषय भी है। इसमें क्षेत्राधिकारी एवं दो एस. आई. सहित आठ पुलिसजन शहीद हो गये और 5 घायल हुए हैं। यह घटना कई विचारणीय प्रश्न खड़े करती है-
प्र0 :  क्या पुलिस की योजना एवं कार्यवाही गोपनीय थी और उसकी सूचना बदमाशों को नहीं मिल रही थी?-
उत्तर : स्पष्ट है कि पुलिस की कार्यवाही गोपनीय नहीं थी और उसकी पूर्व सूचना बदमाशों को मिल रही थी, तभी उन्होंने पहले से मोर्चा ले रखा था।
प्र0 : क्या पुलिस अधिकारियों को अपराधियों की ताकत, इरादों और योजना के विषय में पर्याप्त सूचना थी?-
उत्तर : घटनाक्रम से लगता है कि उन्हें पर्याप्त सूचना नहीं थी, अन्यथा वे बुलेट प्रूफ़ जैकेट पहिनकर जाते और छिपकर चलते जिससे अपने को आसान टार्गेट न बनने देते।
प्र0 : नक्सली अथवा आतंकी क्षेत्रों को छोड़कर किसी सामान्य ग्राम में इतनी बड़ी पुलिस पार्टी का मुकाबिला करने का साहस किसी अपराधी में बिरला ही देखा गया होगा। इस प्रकरण में इस साहस का कारण क्या था?-
उत्तर : इस साहस के दो कारण थे-
(एक)- विकास दुबे के विरुद्ध लगभग 60 गम्भीर अपराध के मुकदमे दर्ज होने के बावजूद उसका ज़मानत पर जेल से बाहर होना। यह हमारी विधिक प्रक्रिया में ख़ामी का परिणाम है, जो अपराधियों में दुस्साहस पैदा करती है।
(दो)-  इतना बड़ा अपराधी होते हुए भी विकास दुबे का राजनैतिक सीढ़ियां चढ़ते जाना। यह हमारे चुनावी कानून की ख़ामियां एवं राजनैतिकों के चारित्रिक पतन का परिणाम है। इससे अपराधियों की धृष्टता एवं उनका मनोबल बढ़ता है।
पहले ज़माने में ग्राम के मुखिया और चौकीदार का उत्तरदायित्व होता था कि वे ग्राम में होने वाली आपराधिक गतिविधियों की सूचना पुलिस को देते रहें। अब चौकीदार और प्रधान दोनो में कोई यह उत्तरदायित्व नहीं निभाता है। इसके अतिरिक्त राजनीति में इतने पेंच हैं कि राजनैतिक व्यक्ति हो जाने के पश्चात अपराधियों के दुराचरण पर पर्याप्त कड़ाई से कार्यवाही कम ही हो पाती है।
शहीद पुलिसजनों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक सम्वेदनायें।

Back to top button