कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश अग्रवाल ने कहा- शिक्षा और राजनीतिक अनुभव मेरी ताकत

स्थानीय निकाय चुनाव का शोरगुल थम गया है। अब प्रत्याशी मतदाताओं से डोर टू डोर संपर्क कर रहे हैं। वहीं, अपनी जीत के दावे भी कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश अग्रवाल ने शिक्षा और राजनीतिक अनुभव को अपनी ताकत बताया। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने चुनाव में अपनी जीत के दावों के कारण भी गिनाएं। प्रस्तुत से उनके बातचीत के अंश।  कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश अग्रवाल ने कहा- शिक्षा और राजनीतिक अनुभव मेरी ताकत

प्रश्न: चर्चा है कि आप चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे, फिर अचानक कैसे मैदान में उतर पड़े। कहीं पार्टी के दबाव में तो यह निर्णय नहीं लिया?

– यह सच है कि मेरा निकाय चुनाव लड़ने का मन नहीं था। फिर पार्टी का आदेश हुआ, जिसे मानना मेरा फर्ज है।

प्रश्न: कार्यकर्ताओं व जनता के बीच आपकी छवि एक गुस्सैल नेता की भी है। क्या यह आपका मूल स्वभाव है?

– यह मेरे खिलाफ विपक्षियों की साजिश है। वही मुझे गुस्सैल नेता के तौर पर प्रचारित करते हैं, ताकि मेरी छवि धूमिल हो। मैं एक खुशमिजाज व्यक्ति हूं। 

प्रश्न: आपकी ताकत व कमजोरी क्या हैं?

– मेरी कोई कमजोरी नहीं है और मेरी उच्च शिक्षा मेरी ताकत है। इसके अलावा मेरा लंबा-चौड़ा राजनीतिक इतिहास मेरी ताकत है।

प्रश्न: क्या आपको लगता है कि किसी तरह की एंटी इनकम्बेंसी चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती है?

– एंटी इनकम्बेंसी तो भाजपा के साथ होगी। लगातार दो बार उनका महापौर रहा है और दिखाने लायक कुछ भी ठोस काम शहर में नहीं हो पाए हैं।

प्रश्न: आप महापौर के अन्य प्रत्याशियों से खुद को किस तरह अलग मानते हैं?

– मेरे शैक्षिक स्तर के आगे कोई भी प्रमुख प्रत्याशी कहीं नहीं टिकता है और मैं अपने दम पर चुनाव लड़ रहा हूं। 

प्रश्न: आप कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के गुट के हैं और इसी कारण पार्टी के बड़े नेता आपके पक्ष में खड़े नजर नहीं आ रहे हैं।

– ऐसा नहीं है, सभी मेरे साथ हैं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मेरे समर्थन में जनसभा की है।

प्रश्न: यदि आप चुनाव जीतते हैं तो इसका श्रेय आप किसे देंगे और क्या प्राथमकिताएं रहेंगी।

– मैं जीत का श्रेय जनता को दूंगा और उनकी उम्मीदों के अनुरूप शहर का विकास करूंगा।

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