कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा रहे अपने ही विधायक, अपनी ही सरकार को बना रहे निशाना

नशीले पदार्थों की तस्करी हो या फिर अफसरशाही की ओर से विधायकों के अनुसार काम न किए जाने की बात आए दिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायक अपनी सरकार और पार्टी की मुसीबतें बढ़ा रहे हैं। ये विधायक अपनी सरकार काे ही सवालों के घेरे में ला रहे हैं। दो दिन पहले जीरा से पार्टी के विधायक कुलबीर जीरा ने नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर बठिंडा के आइजी पर अंगुली उठा दी। उनका कहना था कि शराब की तस्करी में नामजद उन लोगों को छोड़ा जा रहा है, जिन पर गोलियों से हमारे कार्यकर्ताओं को मारने के आरोप हैं। इसके अलावा कई अन्‍य विधायक भी सरकार की परेशानी बढ़ा रहे हैं।कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा रहे अपने ही विधायक, अपनी ही सरकार को बना रहे निशाना

सुरजीत धीमान, नत्थूराम, पाहड़ा के बाद कुलबीर जीरा ने सरकार को घेरा

जीरा ने इस मामले को लेकर पार्टी व सरकार की ओर से करवाए जा रहे सरपंचों, पंचों के शपथ ग्रहण समारोह का भी बहिष्कार किया। ऐसा नहीं है कि जीरा ने पहली बार सरकार की मुसीबत बढ़ाई हो। इससे पहले भी वह ट्रांसफर को लेकर तब की शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी से भिड़ चुके हैं।

नशीले पदार्थों की तस्करी का मामला दोबारा उठने से घिरी सरकार

जीरा अकेले ऐसे विधायक नहीं हैं, जिन्होंने सरकार के लिए मुसीबतें बढ़ाई हों। इससे पहले अमरगढ़ से विधायक सुरजीत धीमान ने भी सार्वजनिक मंच से पार्टी की नशा विरोधी मुहिम पर सवाल खड़े किए थे। वह सरकार से खासे नाराज दिखाई दे रहे थे।

नशे को लेकर 40 विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा था कि बिक्रम मजीठिया पर कार्रवाई की जाए। 40 विधायकों की इस मुहिम को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दबाने में कामयाब रहे, लेकिन आज भी विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस बात को लेकर नाराज हैं कि उन्होंने अकालियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया।

नशे पर तकरार

चुनाव से पहले कांग्रेस ने अकालियों को नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर घेरा था और जमकर आरोप लगाए थे। सुरजीत धीमान के साथ रहने वाले मलोट के विधायक नत्थू राम ने पार्टी प्रधान सुनील जाखड़ से उनके हलके में लगे अधिकारियों को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। उनका कहना था कि जाखड़ के परिवारिक सदस्यों ने उन्हें अपमानित किया।

इसके अलावा गुरदासपुर से विधायक बरिंदरजीत पाहड़ा भी अपनी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर चुके हैं। उन्होंने विधानसभा में कहा कि उनकी अपनी ही सरकार उनके साथ धक्केशाही कर रही है। वह अपने हलके के गांव की नई सीमाबंदी से नाराज थे। इन विधायकों की बयानबाजी से पंजाब कांग्रेस अौर कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार की परेशानी बढ़ रही है।

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