कांग्रेस-आप के गठबंधन पर शीला सहित कार्यकारी अध्यक्षों ने लिया यू टर्न

कांग्रेस-आप के बीच संभावित गठबंधन को लेकर हर रोज नए-नए बयान व समीकरण बन रहे हैं। कभी कांग्रेस तो कभी आप गठबंधन से इंकार करती है तो दूसरे ही दिन गठबंधन की वकालत शुरू हो जाती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित सहित तीनों कार्यकारी अध्यक्ष व अन्य प्रदेश स्तर के नेता खुलकर गठबंधन का विरोध कर चुके हैं, लेकिन मंगलवार को उन्होंने भी यूटर्न ले लिया और गठबंधन होगा या नहीं यह मुद्दा हाईकमान पर छोड़ दिया।

मंगलवार को शीला दीक्षित ने गठबंधन के कयास के बीच अपने निवास पर कमेटी के तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव व राजेश लिलोठिया के साथ आपात बैठक की। जिसमें आप से गठबंधन के विकल्पों और सातों सीटों पर प्रत्याशियों के चयन पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में तय किया गया कि आप से गठबंधन को लेकर समाचार पत्रों में विभिन्न नेताओं के बयानों पर अंकुश लगाने के लिए यह मामला हाईकमान पर छोड़ दिया जाए और इस मुद्दे पर फिलहाल चुप ही रहा जाए।

यही कारण है कि बैठक खत्म होने के बाद हारून यूसुफ ने भी स्पष्ट कर दिया कि गठबंधन होगा या नहीं यह पार्टी हाईकमान तय करेगा। हारून ने कहा हाईकमान जो भी निर्णय लेगा, हम उसके साथ हैं। हालांकि हारून ने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक आम बैठक थी और अब ऐसी बैठकें होती रहेंगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उम्मीदवारों का चयन शुरू होना चाहिए।

पार्टी के पास करीब 70 आवेदन कांग्रेस नेताओं के दिल्ली की सात सीटों के लिए मिले हैं। उन्होंने कहा, दीक्षित सहित पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी को आवेदनों में से नामों को शॉर्टलिस्ट करना है और अंतिम घोषणा के लिए शीर्ष नेतृत्व को प्रति सीट दो से तीन नामों की सूची भेजनी है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए गठबंधन की जरूरत महसूस की जा रही है। वहीं, चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर दिल्ली कांग्रेस में अनिश्चितता कायम है।

भाजपा को हराने के लिए गठबंधन जरूरी : चाको
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको उन नेताओं में से हैं जो आप से गठबंधन के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि दिल्ली में भाजपा को हराने के लिए यह गठबंधन जरूरी है। भाजपा को हराने के लिए ही कांग्रेस, आप से गठबंधन के विकल्प पर विचार कर रही है। चाको ने कहा वे गठबंधन को लेकर पार्टी नेताओं के साथ परामर्श कर रहे हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि आप से चुनावी गठबंधन हो जाएगा। फिर भी अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को करना है और वे उनसे मिलने का प्रयास कर रहे हैं। संभवत: जल्द इस मुद्दे पर निर्णय हो जाए।

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