कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 24 घंटे के भीतर शीला दीक्षित ने बुलाई बैठक

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) का अध्यक्ष बनाए जाने के एक दिन बाद शीला दीक्षित सक्रिय हो गई हैं। मार्च में महीने 80 वर्ष की होने जा रहीं शीला दीक्षित की सक्रियता का  अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार शाम पांच बजे अपने आवास पर उन्होंने तीन कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया के साथ बैठक बुलाई है। वहीं यह जानकारी भी सामने आ रही है कि वह 16 जनवरी को अपना कार्यभार ग्रहण करेंगी और मीडिया से बात भी करेंगीं।कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 24 घंटे के भीतर बुलाई बैठक शीला दीक्षित ने बुलाई बैठक

यहां पर बता दें कि उम्रदराज होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को दिल्ली की कमान सौंप और तीन तीन कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस हाईकमान राहुल गांधी ने एक ही साथ कई राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश की है। इस नई नेतृत्व टीम में जिस तरह से अनुभव और युवा जोश का मेल बैठाया है, उससे आने वाले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन सुधरेगा एवं दिल्ली में पार्टी का जनाधार फिर से बढ़ेगा।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक शीला दीक्षित आज भी दिल्ली की सियासत में एक बड़ा नाम हैं। दिल्लीवासी न केवल उन्हें पसंद करते हैं बल्कि उनके 15 साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में दिल्ली में कराए गए विकास कार्यो को भी याद करते हैं। ऐसे में कार्यकर्ता ही नहीं, मतदाता भी पार्टी के प्रति भरोसा व्यक्त कर सकते हैं।

शीला को मुख्य चेहरा बनाने के साथ ही तीन कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति भी पार्टी का एक बड़ा सियासी निर्णय है। शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रह चुके हारून यूसुफ अल्पसंख्यक समुदाय से हैं जहां वह मजबूत पकड़ रखते हैं। राजेश लिलोठिया अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में सचिव हैं और बिहार के सह प्रभारी हैं। पूर्व में वह प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और दलित समुदाय में अच्छी पैठ रखते हैं।

इसी तरह समयपुर बादली से विधायक रह चुके देवेंद्र यादव भी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं और राजस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभालते रहे हैं। युवा होने के साथ साथ वह पूर्व अध्यक्ष अजय माकन की भी पसंद बताए जाते हैं।

नाराज नेताओं को सम्मान सहित साथ में लेना होगी चुनौती

प्रदेश कांग्रेस की नई नेतृत्व टीम के समक्ष नाराज नेताओं को साथ लेकर चलना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। पूर्व मंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री, पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल, महाबल मिश्र, पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली, राजकुमार चौहान, पूर्व संसदीय सचिव नसीब सिंह, वरिष्ठ नेता चतर सिंह जैसे अनेक ऐसे नाम हैं जो पार्टी की रीढ़ हैं, लेकिन इस समय स्वयं को उपेक्षित महसूस कर सकते हैं। ऐसे में भाजपा और आप को पटखनी देने के लिए पार्टी की नई टीम को इन सभी को आदर मान के साथ अपने साथ लेकर चलना होगा। अन्यथा पार्टी में गुटबाजी बढ़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।

दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस के मुख्य मीडिया प्रभारी मेहंदी माजिद ने प्रदेश की नव नियुक्त नेतृत्व टीम के लिए पार्टी हाईकमान राहुल गांधी के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अनुभव और युवा शक्ति का मेल दिल्ली में पार्टी में नए जोश उत्साह का संचार करेगा।

नियुक्ति के बाद दी प्रतिक्रिया

शीला दीक्षित ने कहा कि मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक है। उम्र के सवाल पर मैं कुछ नहीं कहूंगी। आप और भाजपा मेरी पार्टी नहीं है। इसलिए उनके लिए मेरा कोई संदेश भी नहीं है। यह जरूर कहूंगी कि कांग्रेस अब खड़ी होगी। आप के साथ गठबंधन की चर्चा है, हुआ नहीं है। जब हो जाए, तब सवाल पूछिएगा।

वहीं, देवेंद्र यादव ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस की नई टीम में अनुभव और युवा शक्ति का मिश्रण है। यह मिश्रण पूरी ताकत के साथ काम करने के लिए तैयार है। हम सभी शीला जी की अगुवाई में एक टीम की तरह काम करेंगे। मुङो विश्वास है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस में जबरदस्त चीजें होंगी।

राजेश लिलोठिया के मुताबिक, हमारे बीच आपसी समझ है और सामंजस्य भी। मुङो भरोसा है कि हम पार्टी को मजबूत भी करेंगे और लोकसभा चुनाव 2019 तथा विधानसभा चुनाव 2020 भी जीतेंगे, तो हारून यूसुफ का कहना है कि पार्टी अब और अधिक मजबूत होगी। जनता का भरोसा जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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