कांग्रेसी नेताओं के बच्चे पर कांग्रेस का बड़ा दांव

दिल्ली ब्यूरो: अबकी बार के चुनाव में राहुल गांधी कोंग्रेसी नेताओं के बाल -बच्चो पर दाव लगाने जा रहे हैं। यह बात और है कि कांग्रेस में वंशवादी राजनीति लम्बे समय से चल रही है। दर्जनों उदहारण हैं इसके। मौजूदा दौर में भी बहुत सारे सांसद -विधायक ऐसे हैं जिनके माता -पिता कांग्रेस में नेतागिरी करते रहे हैं। इस बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुल नाथ को अपनी पारंपरिक छिंदवाड़ा सीट से प्रत्याशी बनाएंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के भी जोधपुर सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है। पार्टी की महासचिव अंबिका सोनी अपने बेटे अनूप सोनी के लिए पंजाब से टिकट मांग रही हैं। इसके लिए वे अपनी राज्यसभा सीट भी छोड़ने को भी राजी हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी दिल्ली से चुनाव लड़ना चाहती हैं। दिवंगत अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह वैसे तो प्रदेश की राजनीति में बहुत दिन से सक्रिय हैं पर इस बार वे लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावे आधा दर्जन नेता यूपी में अपने बेटे के लिए सीट मांग रहे हैं।
वैसे कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर दिग्गज नेताओं के बेटे या बेटी पहले से राजनीति में हैं। शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित सांसद रहे हैं। संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव सांसद हैं। तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई सांसद हैं। दिग्विजय सिंह का बेटा मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री है तो सुशील शिंदे की बेटी प्रणिति शिंदे विधायक हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे का बेटा कर्नाटक सरकार में मंत्री है तो कैप्टेन अमरिंदर सिंह का बेटा भी विधायक है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा दो बार से रोहतक से तो प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी जंगीपुर से दो बार से सांसद का चुनाव जीत रहे हैं। जितिन प्रसाद और मिलिंद देवड़ा भी पिछली लोकसभा में सांसद थे और इस बार चुनाव लड़ेंगे। ऐसे कांग्रेस नेताओं की सूची लंबी है, जिनके बेटे राजनीति में सक्रिय हैं। पर इस चुनाव में कुछ नए नाम देखने को मिल सकते हैं।

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