कहीं आप भी तो नहीं कर रहे रात में यह गलती, हो जाऐं सावधान….
नई दिल्ली। सेक्सोमेनिया एक मानिसक रोग है जो सेक्स से जुड़ा होता है। इस रोग में सेक्स को लेकर मेनिया होता है। हर वक्त सेक्स के बारे में सोचना और उसे फील करना ही सेक्सोमेनिया का लक्षण होता है। इसे स्लीप सेक्स भी कहते हैं, क्योंकि इसका रोगी सोते हुए भी सेक्स करता है। यानी सेक्स को फील करता है। सेक्सोमेनिया एक गंभीर मानिसक रोग है जो गुस्सा, डर, नफरत और निगेटिविटी को जन्म देती है।
सेक्सोमेनिया रिलेशनशिप को पूरी तरह से खराब कर सकता है। सेक्सोमेनिया का मरीज बिलकुल वैसा ही करता है जैसे की कई बार नींद में लोगों का चलना, बड़बड़ाना होता है। लेकिन ये नींद में चलना और बड़बड़ाना जैसे याद नहीं रहता ठीक उसी तरह सेक्सोमेनिया के मरीज को भी नींद में सेक्स करना याद नहीं रहता।
सेक्सोमेनिया के लक्षण
हालांकि सेक्सोमेनिया के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे कुछ मरीज अंधेरे में या नींद में शरीर को टटोलना, अजीब सी आवाजें निकालना आदि। कई बार मास्टरबेशन के साथ ही सेक्स करने भी लगते हैं लेकिन सुबह उन्हें कुछ भी याद नहीं होता। कई बार ये हिंसक भी हो जाते हैं अगर इन्हें नींद में मेंटल सेटिस्फेक्शन नहीं मिले तो।
सेक्सोमेनिया हो सकती है खतरनाक
सेक्सोमेनिया को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। एक खतरनाक मानिसक रोग का कारण बन सकता है। निगेटिविटी और गुस्से के कारण कई बार ऐसे लोग हिंसात्मक रवैया अपना सकते हैं। इन्हें नींद में भी सेटिस्फेक्शन चाहिए होता है। कई बार ये सेक्स की पूर्ति न होने पर नफरत से भी भर जाते हैं।
सेक्सोलॉजिस्ट या साइकोलॉजिस्ट से मिलें
ये रोग पूरी तरह से दिमागी होता है और खास बात यह है कि मरीज को उसके रोग का पता नहीं होता। रोग का पता उसके साथ रहने वालों या पार्टनर को ही होता है। ऐसे में उसके पार्टनर का यह काम है कि सेक्सोलॉजिस्ट या साइकोलॉजिस्ट से मिलें और साथ ही अपने पाटर्न को भी इस बारे में बताएं। शुरुआत में ही इलाज से इसका लक्षण खत्म किया जा सकता है।