कहानी ’पीली धूप’ को मिला प्रथम स्थान

सुलतानपुर, 11 नवम्बर (UjjawalPrabhat.Com)। माँ धनपती देवी स्मृति कथा साहित्य सम्मान 2018 के लिए ’कथा समवेत’ पत्रिका की ओर से आयोजित ’अखिल भारतीय हिन्दी कहानी प्रतियोगिता’ का परिणाम मिल गया है। प्रतियोगिता का परिणाम घोषित करते हुए संपादक डॉ. शोभनाथ शुक्ल ने बताया कि दो चरणों में हुए कठिन मूल्यांकन की प्रक्रिया से गुजरती हुई जिन कहानियों ने प्रतियोगिता में अपना स्थान बनाया है उनमें प्रथम स्थान पर कहानी ’पीली धूप’ (आलम आज़ाद, प्रतापगढ़) की रही है। द्वितीय स्थान ’सूर्योदय’ (अरविंद क्लैरेन्स, इलाहाबाद प्रयागराज) कहानी को और तृतीय स्थान ’ईनाम’ (निशा गहलौत, लखनऊ) कहानी को मिला है। डॉ. शुक्ल ने कहा कि विगत वर्ष से 3 कहानियों को विशेष प्रोत्साहन सम्मान हेतु चुना जाता है। किन्तु इस बार यह संख्या 3 से बढ़ कर 5 हो गई है, क्योंकि समान अंक पाने के कारण प्रथम और द्वितीय क्रम पर दो-दो कहानियाँ आ गईं हैं। इस श्रेणी में ’गंतव्य’ (संगीता माथुर, कोटा), ’कैनवास के बदलते रंग (हेमलता यादव, नई दिल्ली), मैं हार नहीं मानूँगी (अनिता श्रीवास्तव, जयपुर), पीली हिनाई (मृदुला श्रीवास्तव, शिमला) और ’दुलहिन गावहुँ मंगलाचार’ (शिवाशंकर पांडेय, इलाहाबाद) की कहानियाँ चुनी गईं हैं। चयनित कहानियों के लेखकों का सम्मान समारोह 20 दिसम्बर को जनपद में आयोजित किया जाएगा। जिसमें स्मृतिचिह्न, सम्मान पत्र, अंगवस्त्रम तथा नकद धनराशि भेंटकर कहानीकारों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित की जाएगी जिसका विषय होगा सरकारी उपेक्षा और हिन्दी का बढ़ता बाज़ार। यह प्रतियोगिता 2011 से निरन्तर निर्णय की पारदर्शिता के आधार पर कथासाहित्य में अपना अहम मुकाम बना चुकी है। इस बार भी चयन के दूसरे चरण में निष्पक्षता का पूरा ध्यान रखते हुए ही निर्णायक मंडल का गठन किया गया था जिसमें कथाकार-निबन्धकार रामनारायण ’रमण’ (डलमऊ, रायबरेली), कथाकार डॉ. शिवजी श्रीवास्तव (मैनपुरी, उत्तर प्रदेश) तथा चर्चित कहानीकार गंभीर सिंह पालनी, (उधम सिंह नगर, उत्तराखंड) सम्मिलित रहे। पुरस्कृत आठो कहानियाँ कथा समवेत के दिसम्बर 2018 के अंक में प्रकाशित होंगी और इस अंक का लोकार्पण 20 दिसम्बर के सम्मान समारोह में किया जाएगा।
रिपोर्ट- विकास आनन्द

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