कश्मीर में चल रहा है नशे और आतंकवाद का का कारोबार

कश्मीर का व्यापार भी पाक साफ नहीं रहा। इसकी भी वजह है। व्यापार की आड़ में आतंकवाद, नशा और पशु तस्करी जैसी गतिविधियां फल फूल रही हैं। दो साल में कई बड़ी आतंकी वारदातें, नशा और पशु तस्करी व्यापार की आड़ में होना इसका प्रमाण है। व्यापार में शामिल वाहनों खासकर ट्रकों के जरिये गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। वर्तमान में क्रास एलओसी ट्रेड से लेकर कश्मीरी व्यापारी तक शक के दायरे में हैं, जिन पर एनआईए ने शिकंजा कसा है।

सेब वाले ट्रक से पकड़ी हेरोइन, वालपुट्टी के साथ थे आतंकी 
9 अगस्त और 7 सितंबर 2018 को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कश्मीर से सेब लेकर आ रहे ट्रकों में करीब 110 किलो हेरोइन पकड़ी थी। इसी साल 26 मार्च को ट्रक से 35 किलो चरस पकड़ी गई। 12 सितंबर 2018 को जम्मू से कश्मीर में जा रही वालपुट्टी वाले ट्रक में तीन आतंकी थे। इस दौरान साफ हुआ कि कई बार जम्मू से कश्मीर जाने वाले विभिन्न सामान वाले ट्रकों में आतंकियों को ले जाया जाता था। 

2016 में ट्रेड कार्यालय पर एनआईए ने मारा था छापा
वर्ष 2016 में एनआईए की टीम ने पुंछ के चक्कां दा बाग में क्रास एलओसी ट्रेड कार्यालय पर छापा मारा और कई तरह के रिकार्ड जब्त किए। इसी ट्रेड में शामिल जम्मू के तीन कारोबारियों को पकड़ा गया। दो साल में कश्मीर में सेब के कारोबार, आयल टैंकर और अन्य सामान ले जाने वाले करीब 50 ट्रक ऐसे हैं, जिनका इस्तेमाल नशे की तस्करी में किया गया। कश्मीर जाने वाले 100 से अधिक वाहन पिछले दो साल में पशुओं की तस्करी करते हुए पकड़े गए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने क्रास एलओसी ट्रेड को स्थगित कर दिया, क्योंकि इसका आतंकवाद में इस्तेमाल हो रहा था। 

नेशनल हाईवे पर लगाएंगे फुल बॉडी स्कैनर
कश्मीर में कारोबार में शामिल ट्रांसपोर्ट में हर एक वाहन को निजी तौर पर चेक करना संभव नहीं। यदि एक ट्रक में सेब की 500 पेटियां हैं, तो वो सारी चेक नहीं हो सकती। यह तभी संभव है जब व्यापार में शामिल ट्रकों का फुल बॉडी स्कैनिंग हो। हमने मुगल रोड, लखनपुर और कश्मीर में ऐसी स्कैनिंग मशीन लगाने का प्रस्ताव सरकार को सौंपा है। एक यही तरीका है, जिससे इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। 

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