कल से शुरू हो रहीं यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, 35 हजार विद्यार्थी बैठेंगे

सात फरवरी से यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। 35,887 छात्र 46 केंद्रों पर परीक्षा में बैठेंगे। बिन नकल परीक्षा को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. पीके उपाध्याय ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित कर लिया गया है। दसवीं में 20,475 व बारहवीं में 15,412 विद्यार्थी परीक्षा देंगे।कल से शुरू हो रहीं यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, 35 हजार विद्यार्थी बैठेंगे

परीक्षा केंद्रों में 11 वित्त विहीन, दो राजकीय व 33 सहायता प्राप्त विद्यालय शामिल हैं। नकल विहीन परीक्षा के लिए इस बार शासन की ओर से सख्त निर्देश हैं। 7 फरवरी बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे से हाईस्कूल के परीक्षार्थी संगीत व गायन विषय की परीक्षा देंगे। जबकि द्वितीय पाली में इंटरमीडिएट के विद्यार्थी मनोविज्ञान, शिक्षा शास्त्र व तर्क शास्त्र विषयों के पेपर देंगे। 12 फरवरी को हाईस्कूल की हिंदी की परीक्षा है, जबकि 14 को अंग्रेजी की परीक्षा होगी। 

हर पृष्ठ पर अनुक्रमांक और उत्तर पुस्तिका क्रमांक
नकल पर लगाम लगाने के लिए इस बार प्रत्येक पृष्ठ पर अनिवार्य रूप से अनुक्रमांक व उत्तर पुस्तिका क्रमांक अंकित किया जाएगा। जिससे बाद में उत्तर पुस्तिका में उत्तर जोड़कर घालमेल नहीं किया जा सकेगा। 

7  जोनल और 16 सेक्टर मजिस्ट्रेट करेंगे निरीक्षण
परीक्षा में जांच के लिए सात जोनल व 16 सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। टीमें परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगी। इसके साथ ही चार फ्लाइंग स्क्वाड भी तैनात किए गए हैं, जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक भी परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। वहीं, राज्यपाल की ओर से नियुक्त प्रदेश के 68 विभागीय अधिकारियों को परीक्षा अवधि तक कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है, यह विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट भी व्यवस्था पर निगाह रखेंगे। 

स्मार्ट गैजेट वाले नकलचियों पर कैसे लगेगी लगाम
इस बार नकलचियों पर शिक्षा विभाग की टेढ़ी नजर रहेगी। सभी केंद्रों के परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद भी नकलची बोर्ड परीक्षा में हाईटेक तरीके आजमा सकते हैं। स्मार्ट वॉच, ब्लू टूथ हेडफोन, ईयर बड, स्मार्ट पेन सहित अन्य गैजेट का प्रयोग कर सकते हैं। इन्हें पकड़ने के लिए कोई विशेष तरकीब नहीं है, सिर्फ शारीरिक जांच ही एकमात्र रास्ता है। अब देखना है कि विभाग ऐसे नकलचियों पर कैसे अंकुश लगाएगा। 

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