कल्पना-सुनीता के बाद भारतीय मूल की न्यूरोसर्जन शावना पांड्या अगले साल भरेंगी स्पेस की उड़ान

कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद भारतीय मूल की तीसरी महिला स्पेस की उड़ान भरेंगी। डॉक्टर शावना पांड्या न्यूरोसर्जन हैं और इन दिनों कनाडा की अल्बर्टा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में जनरल फिजीशियन हैं। वह दो स्पेस मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट के तौर पर तैयारी कर रही हैं। शावना 3200 लोगों में सिलेक्ट हुए दो कैंडिडेट्स में शामिल हैं। जिन्हें सिटीजन साइंस एस्ट्रोनॉट (CSA) प्रोग्राम के तहत स्पेस में जाने का मौका मिलेगा। अलगे साल शुरू होने वाले मिशन में कुल 9 एस्ट्रोनॉट शामिल रहेंगे। बचपन से एस्ट्रोनॉट बनना चाहती थी…कल्पना-सुनीता के बाद भारतीय मूल की न्यूरोसर्जन शावना पांड्या अगले साल भरेंगी स्पेस की उड़ान
 
– मीडिया से बातचीत में शावना ने कहा, ”बचपन से मैं सुपरहीरो और एस्ट्रोनॉट बनना चाहती थीं। लेकिन मुझे मेडिसिन से प्यार है।”
– वे कहती हैं कि हमारे स्टूडेंट्स में काफी प्रतिभा है, लेकिन इसे कैसे बाहर लेकर आना है, वे नहीं जानते हैं। हमें साइंस के हर डेव्लपमेंट से जुड़ना चाहिए और हमेशा कुछ बड़ा हासिल करने की कोशिश करना चाहिए।
– मुंबई दौरे पर मंगलवार को उन्होंने मेडिकल स्टूडेंट्स, डॉक्टर्स और स्कूली बच्चों के साथ मोटिवेशन सेशन में बातचीत भी की।
 
कौन हैं शावना?
– शावना का जन्म कनाडा में हुआ। हालांकि उनके पेरेंट्स फिलहाल मुंबई में रहते हैं। इन दिनों वह अपनी फैमिली से मिलने भारत आई हैं।
– उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा से न्यूरोसाइंस में B.Sc के बाद इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी से स्पेस साइंस में M.Sc और फिर मेडिसिन में एमडी किया।
– इसी दौरान मेडिकल स्कूल और स्पेस प्रोग्राम के लिए अप्लाई भी किया। हिंदी के अलावा वे फ्रेंच और इंग्लिश लैंग्वेज में एक्सपर्ट हैं।
– शावना एक ओपेरा सिंगर, ऑथर और इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियन भी हैं। जिन्हें एक बार नेवी सील के साथ थाईलैंड में ट्रेनिंग का मौका मिला।
 
स्पेस मिशन पर जाएंगी शावना
– अपने मिशन के बारे में शावना कहती हैं कि हम लोग वहां बायो मेडिसिन और मेडिकल साइंस के एक्सपेरीमेंट्स करेंगे। ये एक प्रोजेक्ट में शामिल हैं, जिसका नाम Polar Suborbital Science in the Upper Mesosphere (PoSSUM) है। इसमें क्लाइमेट चेंज पर स्टडी की जाएगी।
– इसके पहले 100 दिन के अंडर वाटर मिशन में भी वह कोर मेंबर हैं। इस दौरान फ्लोरिडा के एक्वेरियस स्पेस रिसर्च फैसिलिटी सेंटर में फिजियोलॉजिकल, हेल्थ और एन्वायरमेंटल ऑबजर्वेशन्स इन माइक्रोबायोलॉजी इन माइक्रोग्रेविटी (PHEnOM) पर भी रिसर्च करेंगी।
 
कौन हैं कल्पना-सुनीता?
– एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ था। वह नासा के स्पेस मिशन पर थीं। इसी दौरान 1 फरवरी, 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल हादसे का शिकार हो गया था। वह स्पेस में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। अमेरिका जाकर उन्होंने नागरिकता बदल ली थी।
– सुनीता विलियम्स भी भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट और अमेरिकी नौसेना में अफसर भी हैं। 2012 में नासा के जरिए 195 दिन के स्पेस मिशन पर गईं। सुनीता के पेरेंट्स अहमदाबाद से हैं। वह स्पेस में सबसे ज्यादा दिनों तक रहने वाली महिला एस्ट्रोनॉट हैं।
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