कर्नाटक में तख्तापलट की तैयारी? दो विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया

कर्नाटक में सियासी ड्रामा एक बार फिर शुरू हो गया है। जहां एक ओर भाजपा के विधायकों ने प्रदेश की सीमाओं के बाहर दिल्ली में डेरा डाल रखा है। वहीं तख्तापलट की झलक दिखनी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में दो निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर ने कांग्रेस और जेडीएस की सरकार ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। समर्थन वापसी के बाद निर्दलीय विधायक आर कहा कि आज मकर संक्रांति है और हम राज्य की सरकार में परिवर्तन चाहते हैं। सरकार प्रभावशाली होनी चाहिए इसलिए हम आज सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं।
वहीं दूसरे निर्दलीय विधायक एच नागेश ने कहा कि बेहतर और स्थिर सरकार के लिए मैंने गठबंधन सरकार को समर्थन दिया था। गठबंधन के दलों में कोई अंडरस्टैंडिंग नहीं है। इसलिए मैंने भाजपा के साथ जाने और राज्य में स्थिर और बेहतर प्रदर्शन करने वाली सरकार को समर्थन का निर्णय लिया है।
राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा के 104 विधायक देश की राजधानी दिल्ली सटे गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में डेरा डाल दिया है। दिल्ली में रहने के कारण भाजपा विधायक संक्रांति के उत्सव का आनंद भी जनता के बीच नहीं ले पाएंगे। भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर उनके विधायक तोड़ने का आरोप लगाया है। 

प्रदेश भाजपा के प्रमुख और पूर्व सीएम बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) भाजपा विधायकों को तोड़ना चाहती है। हम लोग इकट्ठे हैं और अभी हम लोग दिल्ली में एक-दो दिन रुकेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज आई टी ग्रैंड होटल में भाजपा के विधायकों से मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया की एंट्री बिल्कुल बंद कर दी गई है। कांग्रेस के पांच विधायक भी लापता बताए जा रहे हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि वह विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। 

भाजपा ने सरकार बनाने को लेकर ऑपरेशन कमल चलाने की बात को खारिज किया। येदियुरप्पा  कि सभी विधायकों को चुनाव की रणनीति तय करने के संबंध में दिल्ली बुलाया गया है। सरकार बनाने को लेकर अगर को बात होगी तो शीर्ष नेता आपको बताएंगे। 

चल रहे बयानों के तीर

सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर पार्टी विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा रहा है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि हमारे पास सरकार चलाने के लिए पर्याप्त संख्याबल है और सरकार में अस्थिरता का कोई सवाल ही नहीं है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के लगभग आठ विधायक भाजपा में जाने को तैयार है जबकि चार से पांच अब भी संपर्क में हैं। 

येदियुरप्पा पर हमला बोलते हुए कुमारस्वामी ने मैसूरु में कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि ऑपरेशन कमल 3.0 शुरू हो गया है। भाजपा हमारे विधायकों को लुभाने का प्रयास कर रही है, मुझे मालूम है कि कितनी रकम और तोहफे दिए जा रहे हैं। मुझे यह भी पता है कि किसके नाम पर भाजपा ने मुंबई में रूम बुक किए हैं। मुख्यमंत्री कांग्रेस के तीन विधायकों के मुंबई दौरे के बारे में बात कर रहे थे। 

क्या है ऑपरेशन कमल?

येदियुरप्पा ने सत्तापक्ष के विधायकों के असंतोष होने की बात कहते हुए कहा कि कुमारस्वामी भाजपा पर ऊंगली ना उठाकर अपने गट को एकजुट रखे। हमने नहीं बल्कि उन्होंने ही सत्ता और पैसे का इस्तेमाल करके खरीद फरोख्त का यह खेल शुरू किया है। वह हमारे विधायकों से संपर्क कर रहे हैं, कलबुर्गी के एक विधायक को तो खुद मुख्यमंत्री ने मंत्री पद का लालच दिया है।

इसपर कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि हमारे विधायक हमारे साथ हैं और हम प्रदेश की जनता के प्रति जवाबदेह हैं। भाजपा देश में महागठबंधन को लेकर एक हवा बनाने की कोशिश में हैं। उन्हें पहले अपने दिल से ईमानदार होने दीजिए।

दरअसल ‘ऑपरेशन कमल’ का जिक्र 2008 में भाजपा द्वारा विपक्ष के कई विधायकों का दल बदल करवाकर तत्कालीन बी एस येदियुरप्पा सरकार की स्थिरता सुनिश्चत कराने के लिए किया जाता है। बता दें कि 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 104 विधायक, कांग्रेस के 79, जद एस के 37, बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय विधायक गठबंधन सरकार का समर्थन कर रहे हैं। 
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