दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा औऱ जदयू ने अपनी दोस्ती से दिया बिहार की एकजुटता का संदेश….

पिछले वर्ष 23 अक्टूबर को दिल्ली के बदरपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली प्रदेश जदयू के प्रशिक्षण शिविर सह सभा को संबोधित किया था। उन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस वक्तव्य ने बिहारियों को परेशान कर रखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार के लोग मुफ्त इलाज के लिए दिल्ली पहुंच जाते हैैं।

तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े ही सहज भाव में केजरीवाल के वक्तव्य का प्रतिकार करते हुए कहा था दिल्ली सभी की है। अगर बिहार के लोग एक दिन दिल्ली में काम करना बंद कर दें तो दिल्ली ठप हो जाएगी। दिल्ली की प्रगति में बिहारियों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता।

उस वक्त बदरपुर की सभा में ही यह तय हो गया था कि 2020 में हो रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के खिलाफ मैदान में जदयू दिखेगी। उस समय बात अकेले ही चुनाव लडऩे की थी, पर अब मामला यह है कि जदयू ने पहली बार बिहार के बाहर भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही है।

दिल्ली में भाजपा के साथ जदयू के करार की घोषणा एक-दो दिनों के भीतर होने वाली है। यह करार भले ही दिल्ली चुनाव के लिए हो रहा पर संदेश बिहार को देना है।  ठोस तरीके से बिहार में यह बताना है कि भाजपा और जदयू वृहत स्तर पर एकजुट हैं।

केजरीवाल के खिलाफ होगा नीतीश की इमेज का इस्तेमाल 

दिल्ली में विधानसभा की काफी सीटों पर बिहार का काफी महत्व है क्योंकि यहां बिहारी वोटर भी दिल्लीवालों के साथ मिलकर हार-जीत तय करते रहे हैैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर भाजपा-जदयू गठबंधन के प्रत्याशी के लिए सभा करते हैैं तो उसका काफी असर रहेगा। भाजपा भी यह समझती है कि केजरीवाल को रोकने में नीतीश कुमार की छवि प्रभावी हो सकती है।

सीटों की संख्या को लेकर नहीं है कोई जिच

जदयू के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दिल्ली में भाजपा-जदयू के बीच होने वाले गठबंधन में सीटों की संख्या का कोई मतलब नहीं। जदयू को अगर चार-पांच सीटें भी मिल जाएंगी तो भी चलेगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि बिहार में भाजपा-जदयू की एकजुटता का संदेश बड़े स्तर पर देना है।

बता दें कि बिहार में भी इस वर्ष विधानसभा चुनाव है। भाजपा और जदयू ने हाल ही में झारखंड का चुनाव अलग-अलग लड़ा था। कुछ अन्य राज्यों के चुनाव में भी पार्टी अलग थी। इसलिए अब यह बताना जरूरी है कि भाजपा और जदयू किस स्तर पर एकजुट हैं।

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