करतारपुर कॉरिडोरः डेरा बाबा नानक के किसानों के लिए बना चिंता का विषय…

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर जहां सिख संगत में खुशी का माहौल है, वहीं डेरा बाबा नानक के किसानों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। जहां एक तरफ दोनों देश भारत-पाकिस्तान की तरफ से श्री करतारपुर कॉरिडोर के लिए सड़क बनाने की तैयारियां की जी रही हैं। वहीं डेरा बाबा नानक के वह किसान बेहद सहमे और डरे हैं, जिनकी जमीन में से सड़क बनाने की तैयारियां की जा रही हैं।करतारपुर कॉरिडोरः डेरा बाबा नानक के किसानों के लिए बना चिंता का विषय...

किसानों का कहना है कि वह करतारपर कॉरिडोर खुलने से बहुत खुश हैं, लेकिन उनको चिंता है कि सरकार उनकी जमीन को अपने घेरे में ले रही है। किसानों का कहना है कि ऐसा होने से उन्हें बड़ा नुकसान होने का अंदेशा है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि अगर सरकार ने उनकी जमीन लेनी है तो बदले में उचित मुआवजा दिया जाए। हो सके तो इसके लिए पुराने रास्ते को ही अपनाया जाये ताकि जमीन का सदुपयोग हो सके।

किसान नरिंदर सिंह निवासी डेरा बाबा नानक ने पत्रकारों को बताया कि उनको अपनी जमीन जाने का डर सता रहा है। इसलिए श्री करतारपुर साहिब के लिए पुरानी 100 फुट की सड़क को ही तैयार किया जाए, ताकि किसानों की जमीन न जाए। सीमा पर रहने वाले लोग पहले ही कई मुश्किलें झेल रहे हैं। सरकार से मांग है कि सड़क में जो थोड़ा-बहुत जमीन का रकबा आये, उसका किसान को सही मुआवजा दिया जाए, ताकि लोग किसी ओर बदलाव के बारे में सोच सकें।

सीमा पर रहने के कारण पहले से मुसीबत झेल रहे हैं

डेरा बाबा नानक के रहने वाले किसान बीर सिंह ने सरकार ने अपील है कि सीमा पर रहने के कारण वह कई बार उजड़े हैं। कोई लड़ाई हो या फिर बाढ़ आए तो उनके लिए मुसीबत बन जाती है। किसान गुरहरप्रीत सिंह गांव पखोके टाहली साहिब ने बताया कि सीमा पर रहने वाले किसान तो पहले से दबे हुए हैं, क्योंकि सीमा पर उनके खेत होने से उन्हें सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक काम करने दिया जाता है। सीमावर्ती किसानों की 50 प्रतिशत खेती तो बरसाती पानी से खराब हो जाती है।

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पुरानी सड़क को ही कॉरिडोर के लिए बहाल किया जाए। सीमावर्ती किसान के पास पहले ही थोड़ी कम जमीन है और किसान बड़ी मुश्किल से जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जिस दिन से रास्ता खोलने की बात चली है उसी दिन से सभी किसान खौफ में हैं कि पता नहीं कि किस किसान की जमीन कॉरिडोर में आएगी है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि अगर किसी किसान की जमीन लांघे के क्षेत्र में आती है तो उसका एक बार में उचित मुआवजा दिया जाए।

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