कड़े नियमों के चलते आखिरकार दाल की कीमतों ने पकड़ ली तेजी, टमाटर हुए और‘लाल’

 फसल कमजोर होने और आयात पर कड़े नियमों के चलते आखिरकार अरहर दाल की कीमतों ने तेजी पकड़ ली है। सत्तर रुपये में बिकने वाली पुखराज प्रीमियम दाल ने बीते दो माह में थोक मंडी में 90 का आंकड़ा छू लिया है। करीब बीस रुपये प्रति किग्रा. की तेजी आई है। फुटकर मंडी में आज का भाव 92 रुपये प्रति किग्रा. तक पहुंच गया है। उड़द की दाल, मसूर हो या फिर खड़ा चना सभी तेज है। 15 दिन में पांच रुपये तेजी चने में भी दर्ज की गई है।

महंगाई की वजह : डालीगंज दाल मंडी के थोक कारोबारी भारत भूषण गुप्ता एवं पांडेयगंज के आढ़ती राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि देश के विभिन्न प्रांतों मसलन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में फसल कमजोर है। शुल्क बढ़ने की वजह से आयात न हो पाने से दिक्कतें बढ़ रही हैं। थोक और फुटकर दोनों मंडियों में दाल के भाव चढ़े हुए हैं। रविवार की थोक मंडी में अरहर की अव्वल दाल ने 90 रुपये किग्रा. का आंकड़ा छू लिया है। इसका असर फुटकर मंडी पर भी है। 92 रुपये में अरहर की प्रीमियम क्वालिटी बेची जा रही है। रकाबगंज फुटकर मंडी के संजय अग्रवाल के मुताबिक दो माह से लगातार दाल मंडी चढ़ी हुई है।

टमाटर उछला, फुटकर मंडी 50 रुपये पार हुई
थोक और फुटकर मंडी में टमाटर की कीमतों में इजाफा है। गर्मी से खराब होने वाला आइटम टमाटर बैंगलोर से आमद कम होने की वजह से और महंगा हो गया है। दुबग्गा फल एवं सब्जी व्यापारी समिति के महामंत्री एवं आढ़ती शहनवाज हुसैन बताते हैं कि सब्जियों में खासतौर पर टमाटर महंगा है। साढ़े छह सौ रुपया से लेकर साढ़े सात सौ रुपये कैरेट की मंडी रही है यानी 26 से तीस रुपये प्रति किग्रा. की दर से टमाटर थोक मंडी दुबग्गा में बिका है। पंद्रह दिन पहले साढ़े चार सौ से पांच सौ रुपया प्रति कैरेट टमाटर था। अब फुटकर मंडी में 50-60 रुपया प्रति किग्रा. टमाटर बिक रहा है।

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