गोरखपुर में बच्चों की मौत पर DM ने सौंपी रिपोर्ट, 3 को ठहराया जिम्मेदार
गोरखपुर. गोरखपुर के बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई बच्चों की मौत के मामले में गोरखपुर कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इसमें डीएम राजीव रौतेला ने ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही मेडिकल कॉलेज के सस्पेंड प्रिंसिपल आरके मिश्रा और एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के डॉक्टर सतीश को भी इस ट्रेजेडी की वजह बताया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिटीशन दायर…
– इसी बीच बुधवार को इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है।
– इस पिटीशन में ज्युडीशियल इंक्वायरी और मारे गए लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देने की मांग की गई है।
– पिटीशन में डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी रोक लगाने की भी मांग की गई है। यह पिटीशन एडवोकेट सुनीता शर्मा और सोशल एक्टिविस्ट कमलेश सिंह ने दायर की है।
– इस पिटीशन में ज्युडीशियल इंक्वायरी और मारे गए लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देने की मांग की गई है।
– पिटीशन में डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी रोक लगाने की भी मांग की गई है। यह पिटीशन एडवोकेट सुनीता शर्मा और सोशल एक्टिविस्ट कमलेश सिंह ने दायर की है।
18 अगस्त को होगी सुनवाई
– इस पिटीशन पर 18 अगस्त को चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस एमके गुप्ता की बेंच सुनवाई कर सकती है।
– बता दें, 7 अगस्त को हुई मौतों के बाद से ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, हॉस्पिटल और राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग बयान आए हैं।
– सरकार का कहना है कि ये मौतें इंसेफलाइटिस से हुई हैं। साथ ही ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों की बात से इनकार कर रही है।
– बता दें, 7 अगस्त को हुई मौतों के बाद से ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, हॉस्पिटल और राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग बयान आए हैं।
– सरकार का कहना है कि ये मौतें इंसेफलाइटिस से हुई हैं। साथ ही ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों की बात से इनकार कर रही है।
क्या होता है इंसेफलाइटिस?
– इंसेफलाइटिस को दिमागी बुखार भी कहा जाता है। हकीकत में यह वायरल इन्फेक्शन है। इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे आते हैं। इसमें तेज बुखार, दर्द के साथ शरीर पर चकते आ जाते हैं।”
क्या है गोरखपुर ट्रेजडी?
– बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में 7 अगस्त से लेकर 12 अगस्त तक 30 बच्चों समेत 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी। आरोप है कि ये मौतें हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने की वजह से हुईं। कहा जा रहा है कि पुष्पा सेल्स नाम की कंपनी ने पेमेंट बकाया होने की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रोक दी थी। कंपनी ने कहा कि हमने 14 रिमांडर भेजे, लेकिन इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कोई एक्शन नहीं लिया।
UP सरकार ने क्या कदम उठाया?
– बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को 12 अगस्त को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जिम्मेदारी मानते हुए सस्पेंशन से पहले ही इस्तीफा सौंप दिया था।
– इसके बाद 13 अगस्त को योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बंद कमरे में यहां के स्टाफ की क्लास लगाई। विजिट के बाद सीएम योगी ने कहा कि बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हर मुमकिन कदम उठाया जाएगा।
– इसी दिन हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेट और वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर कफील खान को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह डॉ. भूपेंद्र शर्मा को अप्वाइंट किया गया।
– इसके बाद 13 अगस्त को योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बंद कमरे में यहां के स्टाफ की क्लास लगाई। विजिट के बाद सीएम योगी ने कहा कि बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हर मुमकिन कदम उठाया जाएगा।
– इसी दिन हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेट और वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर कफील खान को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह डॉ. भूपेंद्र शर्मा को अप्वाइंट किया गया।
अमित शाह ने क्या कहा?
– वहीं, अमित शाह ने गोरखपुर ट्रेजडी पर कांग्रेस की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें सीएम आदित्यनाथ योगी के इस्तीफे की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं कांग्रेस की सत्ता वाले राज्यों में होती रही हैं। इस्तीफा मांगना कांग्रेस का काम है। इतने बड़े देश में बहुत सारे हादसे हुए, पहली बार ऐसा हादसा नहीं हुआ है।