ऑनलाइन अपलोड होने के साथ ही SMS से भी मिलेगा ई-वे बिल

इंदौर.जीएसटी एक्ट के तहत 50 हजार से अधिक मूल्य की सामग्री के परिवहन के लिए ई-वे बिल प्रस्तावित है। यह व्यवस्था मप्र में दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में लागू की जाएगी। जीएसटी सर्वर पर लोड को देखते हुए शुरुआत में यह व्यवस्था भी व्यापारियों के लिए की जाए कि वह ऑनलाइन ई-वे बिल अपलोड करने के साथ ही उसे मैन्युअली प्राप्त कर सकें। साथ ही मोबाइल पर एसएमएस के जरिए भी यह मिल सके। शनिवार को यह बात वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव की समीक्षा बैठक में हुई। इसमें स्टेट टैक्स कमिश्नर राघवेंद्र सिंह के साथ सभी एडिशनल कमिश्नर, ज्वॉइंट कमिश्नर और डिप्टी कमिशनर रैंक के अधिकारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल 2018 से ई-वे बिल पूरे देश में लागू किया जाना है। अभी केवल यह कर्नाटक में ही लागू है।ऑनलाइन अपलोड होने के साथ ही SMS से भी मिलेगा ई-वे बिल

चिंता- अपलोड में समस्या हुई तो परिवहन रुकेगा
– बैठक में एंटी एवेजन ब्यूरो ए के प्रमुख डॉ. धर्मपाल शर्मा ने इस बिल को लेकर एक्ट में लाए गए प्रावधान व अन्य मुद्दों के लेकर प्रेजेंटेशन दिया। इसमें बात उठी की सर्वर में अभी समस्याएं है, कहीं ई-वे बिल अपलोड में समस्या हुई तो सामग्रियों का परिवहन ही रुक जाएगा।

– इस पर सुझाव आए कि एसएमएस सुविधा जैसे पहले फॉर्म 49 के लिए मप्र में लागू की गई थी, इसे लाया जाए। यह भी बात उठी कि एमपी ऑनलाइन के जो रिटर्न के लिए अधिकारी करें व्यापारियों से संपर्क कियोस्क सेंटर हैं, वहां भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

रिटर्न के लिए अधिकारी करें व्यापारियों से संपर्क

– जीएसटी के रिटर्न कम भराने को लेकर पीएस ने कहा हर अधिकारी अपने क्षेत्र के व्यापारी से संपर्क करें और फोन करके उन्हें समय पर रिटर्न भरने के लिए आग्रह करें। जिन व्यापारियों का कारोबार बंद हो गया, उन्हें ढूंढकर जाएगा। उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त होगा।

पांच हजार करोड़ रुपए की रिकवरी बाकी

– वाणिज्यिक कर की पांच हजार करोड़ से ज्यादा की रिकवरी बाकी है, लेकिन यह बात उठी कि इसमें से 80 फीसदी से ज्यादा राशि कोर्ट और ट्रिब्यूनल में उलझी है। बाकी राशि में व्यापरियों के अते-पते कुछ नहीं मिल रहे हैं।

Back to top button