ऐसे होती है छिपकली की खेती, पाल-पोसकर बड़ा करते हैं किसान, टोकरी में भरकर हैं बेचते

चीन में खेती और पशुपालन की अनूठी परंपराएं हमेशा से दुनिया को आश्चर्यचकित करती रही है. इनमें से एक है छिपकली की खेती, जो वहां के कई इलाकों में ना केवल आजीविका का साधन है, बल्कि स्थानीय व्यंजनों का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. जी हां, आपने सही पढ़ा! चीन में छिपकली की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. किसान बिना किसी डर के इन्हें पाल-पोसकर बड़ा करते हैं, फिर टोकरियों में भरकर बाजार में बेचते हैं.
चीन के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से दक्षिणी प्रांतों जैसे गुआंग्डोंग और गुआंग्शी में, छिपकली की खेती एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से की जाती है. यह प्रक्रिया सांपों की खेती से मिलती-जुलती है, जैसा कि जिसिकियाओ गांव में सांपों की खेती के लिए प्रसिद्ध है. छिपकली की खेती के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए फार्म बनाए जाते हैं, जहां नियंत्रित वातावरण में इन्हें पाला जाता है. ये फार्म नमी और तापमान को संतुलित रखते हैं, क्योंकि छिपकलियां गर्म और नम जलवायु में अच्छी तरह पनपती हैं.
प्रजनन बढ़ाने के ट्रिक्स
किसान छिपकलियों की प्रजनन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए उनके लिए उपयुक्त भोजन, जैसे छोटे कीड़े, चीटियां और टिड्डे, उपलब्ध कराते हैं. प्रजनन के मौसम में मादा छिपकलियां अंडे देती हैं, जिन्हें विशेष इन्क्यूबेटर में रखा जाता है. इन अंडों से निकलने वाले छोटे छिपकलियों को अलग-अलग बाड़ों में पाला जाता है, जहां उनकी वृद्धि पर नजर रखी जाती है. किसान इन्हें हाथों से उठाकर टोकरियों में भरते हैं और स्थानीय बाजारों या रेस्तरां में बेचते हैं. यह प्रक्रिया इतनी सामान्य हो चुकी है कि स्थानीय किसानों को इसमें जरा भी डर नहीं लगता.
स्थानीय व्यंजनों में उपयोग
चीन में छिपकली का उपयोग पारंपरिक व्यंजनों और औषधीय व्यंजनों में किया जाता है. दक्षिणी चीन में छिपकली को सूप, स्टिर-फ्राई और तले हुए व्यंजनों में शामिल किया जाता है. स्थानीय लोग मानते हैं कि छिपकली का मांस प्रोटीन से भरपूर होता है और इसमें औषधीय गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द, त्वचा रोगों और थकान को कम करने में मदद करते हैं. कुछ क्षेत्रों में छिपकली को सुखाकर पाउडर बनाया जाता है, जिसे सूप या चाय में मिलाकर पीया जाता है. यह पाउडर पारंपरिक चीनी चिकित्सा में भी इस्तेमाल होता है.