एयर इंडिया के विनिवेश पर जीओएम की पहली बैठक
एयर इंडिया के विनिवेश के तौर तरीके तय करने के लिए गठित अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह की शुक्रवार को पहली बैठक हुई। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई बैठक में नागरिक विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू, रेल मंत्री सुरेश प्रभु तथा ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भाग लिया। जीओएम के एक अन्य सदस्य सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उड़ीसा के दौरे पर होने के कारण बैठक में भाग नहीं ले सके। बैठक में चर्चा के लिए एयर इंडिया के सीएमडी अश्वनी लोहानी को भी बुलाया गया था।
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राजू ने कहा, ‘हम जनता से कुछ छिपा नहीं सकते। किंतु हम तभी कुछ बता पाएंगे जब बताने लायक स्थिति आएगी।’ विमानन सचिव आर. एन. चौबे ने भी मुद्दे को ‘बाजार के लिहाज से संवेदनशील’ बताते हुए कुछ बोलने से इन्कार कर दिया। स्पष्ट था कि बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
गौरतलब है कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने पिछले महीने के आखिर में एयर इंडिया के विनिवेश का सैद्धांतिक फैसला लिया था। इसके बाद विनिवेश की प्रक्रिया व तौर तरीके तय करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में पांच केंद्रीय मंत्रियों के जीओएम का गठन किया गया था। जीओएम को एयर इंडिया के 52000 करोड़ रुपये के कर्ज, उसकी परिसंपत्तियों के अलावा लाभ कमा रही तीन सब्सिडियरियों के भविष्य के बारे में निर्णय लेने हैं। उसे यह भी देखना है कि विनिवेश पूर्ण रूप से हो या आंशिक रूप से।
एयर इंडिया पर कर्ज के अलावा 50 हजार करोड़ रुपये के संचित घाटे का भी बोझ है। जिसे कम करने के लिए पिछली संप्रग सरकार ने 2012 में 30 हजार करोड़ रुपये के दस वर्षीय पुनरुद्धार पैकेज का एलान किया था। पैकेज की अधिकांश राशि एयर इंडिया को दी जा चुकी है।